क्रिकेट के लिए गुरुवार का दिन संन्यास का दिन रहा. एक तरफ जहां नीदरलैंड के कप्तान पीटर बोरेन ने कप्तानी छोड़ने के साथ क्रिकेट को अलविदा कहा तो दूसरी तरफ न्यूजीलैंड के पूर्व क्रिकेटर माइकल पैप्स ने संन्यास की घोषणा कर दी.
34 साल के बोरेन ने 2010 में डच टीम की कमान संभाली और 8 साल में टीम को कुछ शानदार जीत दिलाई. जिनमें 2009 और 2014 में इंग्लैंड के खिलाफ टी 20 वर्ल्ड कप की जीत भी शामिल है. लेकिन वनडे क्रिकेट में टीम का हाल बेहाल ही रहा. लगातार तीन विश्व कप में जगह बनाने के बाद नीदरलैंड 2015 में विश्व कप में जगह नहीं बना सकी जिसके बाद टीम का वनडे दर्जा खत्म कर दिया गया.
बोरेन ने 58 वनडे की 50 पारी में 22.31 की औसत से कुल 1004 रन बनाए. उनका सर्वाच्च स्कोर 96 रहा. जबकि उन्होंने 51 पारी में 32 पर 4 के सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के साथ कुल 46 विकेट चटकाए.
बोरेन का जन्म न्यूजीलैंड में हुआ और उन्होंने क्रिकेट का करियर भी वहीं से शुरू किया. 2002 के अंडर 19 विश्व कप में वो रॉस टेलर,जेसी राइडर जैसे खिलाड़ियों के साथ खेले और सबसे अधिक विकेट लेने वाले गेंदबाज बने. विश्व कप खत्म होने के बाद उन्होंने डच का रूख किया और तीन महीने बाद पहला फर्स्ट क्लास क्रिकेट खेला. चार साल बाद उन्होंने नीदलरैंड के लिए खेलना शुरू कर दिया.
दूसरी तरफ पैप्स न्यूजीलैंड के फर्स्ट क्लास क्रिकेट के सबसे बड़े बल्लेबाजों में से एक रहे हैं. 19 साल लंबे करियर में उन्होंने 12224 रन बनाए. न्यूजीलैंड के फर्स्ट क्लास क्रिकेट प्लंकेट शील्ड मं पैप्स 10000 का आंकड़ा पार करने वाले पहले क्रिकेटर बने थे. 2004 में उन्होंने न्यूजीलैंड के लिए अंतरराष्ट्रीय डेब्यू किया लेकिन सिर्फ 8 टेस्ट और 6 वनडे ही खेल पाए. अपने करियर में पैप्स न्यूजीलैंड की दो टीमों की ओर से खेले. उन्होंने अपना करियर केंटरबरी से शुरू किया और 6,663 रन बनाए. 2010-11 में उन्होंने अपनी टीम बदली और वेलिंगटन का दामन थाम लिया यहां उन्होंने 4,837 रन बनाए. उन्होंने अपने फर्स्ट क्लास करियर में कुल 33 शतक और 52 अर्द्धशतक लगाए.