इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज़ में फेल होने के बाद टीम से बाहर हुए मुरली विजय ने चयनकर्ताओं के साथ बातचीत के अभाव की बात कही है. हाल ही में करुण नायर के इस आरोप के बाद अब मुरली विजय का सामने आना ये बताता है कि चयनकर्ताओं और खिलाड़ियों के बीच सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है.


पहले दक्षिण अफ्रीका और फिर इंग्लैंड के पहले तीन टेस्ट मैचों में फेल होने के बाद मुरली विजय को टीम से बाहर का रास्ता दिखाया गया था. हालांकि इस बीच विजय ने काउंटी क्रिकेट खेला और वहां पर दमदार प्रदर्शन कर दिखाया. लेकिन इसके बावजूद उन्हें वेस्टइंडीज़ के खिलाफ दो मैचों की टेस्ट सीरीज़ की टीम में जगह नहीं मिली.


रणजी ट्रॉफी में तमिल नाडू के लिए खेलते हुए अहमदाबाद मिरर से बात करते हुए विजय ने कहा कि चयनकर्ताओं के साथ बातचीत का अभाव है लेकिन उन्हें उम्मीद है कि चयनकर्ता उनसे उनके भविष्य को लेकर बातचीत करेंगे.


विजय ने कहा, 'ना तो मुख्य चयनकर्ता और ना ही किसी अन्य व्यक्ति ने इंग्लैंड में तीसरे टेस्ट मैच के बाद मुझे ड्रॉप किए जाने के बाद से अब तक मुझसे कोई बात नहीं है. और ना ही इंग्लैंड में टीम मैनेजमेंट के किसी सदस्य ने मुझसे कुछ कहा.'


इसके साथ ही विजय ने भज्जी के उस बयान का भी समर्थन किया जिसमें उन्होंने कहा था कि टीम चयन के मापदंड उनकी समझ से परे हैं.


विजय ने कहा, 'हरभजन सिंह से टीम सलेक्शन को लेकर जो भी बातें कहीं उससे सहमत हूं. मैं समझता हूं कि किसी भी खिलाड़ी को बाहर करने के लिए उसे कारण बताना ज़रूरी है जिससे कि वो ये समझ सके कि उससे कहां गलती हुई और वो टीम मैनेजमेंट और सलेक्टर्स की रणनीति में कहां खड़ा होते हैं.'


विजय ने ये भी कहा कि 'एक खिलाड़ी के तौर पर ये बहुत ज़रूरी है कि आपको एक या दो से ज्यादा मैच खेलने को मिलें. इससे आप ज्यादा बेहतर प्लान तैयार कर सकते हो. इससे आप संशय में नहीं रहते, आखिरकार हर किसी को टीम के लिए सहयोग करना होचा है.'


आपको बता दें कि इंग्लैंड दौरे पर विजय का बल्ला बिल्कुल शांत रहा था. इंग्लैंड में विजय के बल्ले से महज़ 20, 06, 0, 0 रनों की पारियों निकलीं.


विजय की कोशिश अब विजय हज़ारे ट्रॉफी में अच्छा प्रदर्शन कर फिर से ऑस्ट्रेलिया दौरे के लिए टीम में जगह बनाने की है.