ऑस्ट्रेलिया दौरे पर टखने की चोट के कारण टेस्ट सीरीज से बाहर होने वाले युवा भारतीय बल्लेबाज पृथ्वी शॉ ने कहा है कि वह आईपीएल के 12वें सीजन के शुरू होने से पहले फिट हो जाएंगे. शॉ चार मैचों की टेस्ट सीरीज शुरू होने से पहले अभ्यास मैच के दौरान चोटिल हो गये थे.


शॉ ने ‘इंडिया टीवी’ से कहा, ‘‘मैं इंडियन प्रीमियर लीग से पहले फिट हो जाऊंगा और पूरी फिटनेस हासिल करने के लिए कड़ी मेहनत कर रहा हूं. मैं टखने के साथ-साथ अपने शरीर के ऊपरी भाग पर भी काम कर रहा हूं.’’


मुंबई का 19 साल का यह ओपनर बल्लेबाज दिल्ली कैपिटल्स की टीम में है जिसके साथ यह उनका दूसरा सीजन होगा.


ऑस्ट्रेलिया में अभ्यास मैच के दौरान बाउंड्री के पास फील्डिंग करते हुए उनका टखना चोटिल हो गया था. टीम को उम्मीद थी कि वह दूसरे टेस्ट तक फिट हो जाएंगे लेकिन पैर में सूजन और दर्द बढ़ने से उन्हें पूरी सीरीज से बाहर होना पड़ा.


चोट के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘‘ हम पहले टेस्ट मैच से पहले सिडनी में अभ्यास मैच खेल रहे थे. मैं डीप मिडविकेट पर खड़ा था और ऐश भाई (आर अश्विन) गेंदबाजी कर रहे थे तभी एक कैच के लिए मैंने हवा में पीछे की ओर उछलते हुए गेंद को पकड़ा और जब मैं जमीन पर गिरा तो मेरे शरीर का भार मेरे बाएं पैर पर पड़ा. यह थोड़ा मुश्किल था और मेरा टखना 90 डिग्री तक मुड़ गया और पूरा वजन उसी पर आ गया.’’


उन्होंने कहा, ‘‘ मैं दूसरे टेस्ट में खेलने की पूरी कोशिश कर रहा था और फिजियो भी मुझे मैच के लिए फिट करने की कोशिश कर रहे थे. हालांकि, जितना अधिक उन्होंने कोशिश की, सूजन उतनी बढ़ गयी और उसमें अधिक दर्द होने लगा. इसलिए, मैंने सोचा कि अगर मैं खेलता हूं तो भी मैं अपना शत प्रतिशत नहीं दे पाऊंगा क्योंकि उस दर्द के साथ खेलना आसान नहीं होता.’’


शॉ ने कहा, ‘‘यह एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना थी. सच कहूं तो आप उसके बारे में कुछ नहीं कर सकते. ऑस्ट्रेलिया में चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में खेलने की मेरी इच्छा थी. मुझे वहां बाउंस काफी पसंद है. दुर्भाग्य से, मुझे पैर में चोट लगी. लेकिन ठीक है, मैं बहुत खुश हूं कि भारत ने टेस्ट सीरीज जीती. इससे बेहतर और क्या हो सकता था.’’


चोटिल होने के बाद शॉ हालांकि काफी निराश हो गये थे लेकिन साथी खिलाड़ियों का उन्हें पूरा समर्थन मिला.


उन्होंने कहा, ‘‘मुझे उस समय पूरी टीम का समर्थन मिला क्योंकि मैं चोट से बहुत निराश था. मैंने दौरे के लिए कड़ा अभ्यास किया था और मेरे दिमाग में कई चीजें थीं जो मुझे लगता था कि मैं वहां करूंगा. यह निराशाजनक था. लेकिन हां, अब मैं खुश हूं कि हमने सीरीज जीती."


शॉ ने अपने टेस्ट करियर की शानदार शुरूआत करते हुए वेस्टइंडीज के खिलाफ दो मैचों की सीरीज की तीन पारियों में 118.20 की औसत से 237 रन बनाये थे.