भारतीय क्रिकेट टीम से बाहर चल रहे युवा सलामी बल्लेबाज़ पृथ्वी शॉ मौजूदा वक्त में शानदार फॉर्म में चल रहे हैं. भारत के घरेलू वनडे टूर्नामेंट विजय हजारे ट्रॉफी में वह अब तक 754 रन बना चुके हैं. इस दौरान वह एक दोहरे शतक समेत तीन बार 150 से ज्यादा रनों की पारियां खेल चुके हैं. विजय हजारे ट्रॉफी के इतिहास में एक सीजन में वह सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज़ भी बन गए हैं. हालांकि, ऑस्ट्रेलिया दौरे पर एडिलेड में खेले गए डे-नाइट टेस्ट में खराब प्रदर्शन के बाद उनकी काफी आलोचना हुई थी और उसके बाद उन्हें टीम से भी ड्रॉप कर दिया गया.


इस बीच अब पृथ्वी शॉ ने ऑस्ट्रेलियाई दौरे पर मिली निराशा, खराब प्रदर्शन, फॉर्म और टीम से ड्रॉप होने को लेकर खुलकर अपनी बात रखी है. उन्होंने अग्रेज़ी अखबार 'इंडियन एक्सप्रेस' को दिए एक इंटरव्यू में इन सब चीज़ों पर खुलकर बात की और कई चौंकाने वाले खुलासे किए.


जब मैं ड्रॉप हुआ, वो मेरी जिंदगी का सबसे दुखद दिन था- पृथ्वी शॉ


शॉ ने ऑस्ट्रेलिया दौरे पर टीम से ड्रॉप होने पर बात करते हुए कहा, "पहले टेस्ट में खराब प्रदर्शन के बाद मुझे टीम से बाहर कर दिया गया. मैं इससे बहुत परेशान था. उस वक्त मुझे ऐसा लगा कि जैसे मैं बेकार हूं. मैंने खुद से कहा कि मुझे अब कमर कसनी होगी. वैसे भी कहावत है कि मेहनत टैलेंट को भी हरा सकती है. जब मैं ड्रॉप हुआ, तो वो मेरी जिंदगी का सबसे दुखद दिन था. मैं अपने कमरे में गया और रोने लगा. मुझे लग रहा था कि कुछ गलत हो रहा है. मुझे इसका जवाब तलाशना था."


विरार की गली वाले वापसी करना जानते हैं- शॉ


पृथ्वी शॉ ने आगे कहा, "मैं हार मानने वालों में से नहीं हूं. मैं विरार का लड़का हूं. मैं गलियों से आया हूं. मुझे पता है कि कैसे वापसी करनी है. मैंने हमेशा टीम को खुद से ऊपर रखा है. चाहे फिर वो क्लब हो, मुंबई हो या फिर इंडिया. मैं ऑस्ट्रेलिया जैसी स्थिति में पहले कभी नहीं रहा हूं, मैंने खुद में सुधार लाने के लिए नेट्स पर काफी मेहनत की."


उन्होंने आगे कहा, "जब आप टीम से बाहर हो जाते हो, तो आपके ऊपर अच्छा प्रदर्शन कर वापसी करने का दबाव होता है. मैं रन बनाने के लिए उत्सुक हूं. मैं बड़े स्कोर करना चाहता हूं. क्वार्टर फाइनल मुकाबले के दौरान मुझे पीठ में दर्द हो रहा था. हमारे फिजियो ने मुझे ड्रेसिंग रूम में लौटने को कहा. लेकिन मैंने उन्हें मना कर दिया. मैंने कहा नहीं. फिर उन्होंने मुझे दवाई दी और मैं लगातार बल्लेबाजी करता रहा."


ऑस्ट्रेलिया से वापस आने के बाद सचिन तेंदुलकर से मिले थे पृथ्वी शॉ


पृथ्वी शॉ ने बताया कि भारत आने के बाद वह सचिन तेंदुलकर से मिले. उन्होंने कहा, "मैं ऑस्ट्रेलिया से वापस आने के बाद काफी निराश था. मेरे पास कई कॉल्स आ रही थीं, लेकिन मैं उस कंडीशन में नहीं था कि किसी से बात करूं. भारत आने के बाद मैं सचिन तेंदुलकर सर से मिला. उन्होंने मुझसे कहा कि बहुत ज्यादा बदलाव करने की जरूरत नहीं है. बस हो सके तो शरीर के पास खेलो."


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