(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
पृथ्वी शॉ का दर्द छलका, बताया क्यों सब कुछ छोड़ देना चाहते थे
पृथ्वी शॉ को अपने तीन साल के छोटे से करियर में कई बार आलोचना का शिकार होना पड़ा है. लेकिन इस साल आईपीएल के 14वें सीजन में शॉ शानदार वापसी करने में कामयाब रहे. शॉ ने अब अपना दर्द बयां किया है.
इंडिया के स्टार ओपनर पृथ्वी शॉ ने आईपीएल के छठे सीजन में शानदार वापसी की है. पिछला साल पृथ्वी शॉ के लिए अच्छा नहीं रहा था. आईपीएल और ऑस्ट्रेलियाई दौरे पर शॉ कोई कमाल नहीं दिखा पाए और वह आलोचकों के निशाने पर आ गए थे. लेकिन शॉ ने हिम्मत नहीं हारी और वह एक बार फिर से बल्ले से कमाल दिखाने में कामयापब रहे.
साल 2018 में डेब्यू करने वाले पृथ्वी शॉ ने अपने करियर की शुरुआत धमाकेदार अंदाज में की थी. लेकिन अपने छोटे से करियर में ही शॉ को मैदान पर कम और मैदान से बाहर ज्यादा सुर्खियां मिली हैं. वेस्टइंडीज के खिलाफ सीरीज के बाद शॉ डोपिंग के दोषी पाए गए और उन पर 6 महीने का बैन लगा. इसके बाद शॉ का करियर प्रभवित हुआ. इतना ही नहीं उन्हें चोट की वजह से भी मुश्किल का सामना करना पड़ा.
शॉ ने हालांकि इस दौरान आलोचना करने वालों को जवाब देने का तरीका भी खोज लिया है. शॉ ने कहा है कि आलोचना का एक भी जवाब होता और वह है अच्छी बल्लेबाजी करके रन बनाना. शॉ ने कहा, ''आलोचकों को आप ऐसे जवाब नहीं दे सकते हैं. उसका सबसे अच्छा तरीका है रन बनाओ.''
शॉ ने बयां किया अपना दर्द
शॉ ने इस दौरान हालांकि अपना दर्द भी बयां किया है. शॉ ने कहा, ''कभी तो ऐसा लगता था कि सब कुछ बंद कर देना चाहिए. लेकिन इंडिया के लिए खेलना हमेशा से ही मेरा सपना था और मैं अपने सपने को नहीं छोड़ सकता.''
शॉ ने माना कि आलोचना करने वालों को अनदेखा नहीं किया जा सकता. स्टार बल्लेबाज ने कहा, ''आलोचना तो आपको सुननी ही पड़ती है. लेकिन उसमें बहुत सारी ऐसी बातें शामिल होती हैं जो कि सच नहीं होती. इनसे आगे बढ़कर आपको खुश रहना पड़ता है.''
बता दें कि ऑस्ट्रेलियाई दौरे पर शॉ की तकनीक की काफी आलोचना हो रही थी. लेकिन पृथ्वी शॉ ने आईपीएल के 14वें सीजन में उस कमी को दूर कर लिया. शॉ को हालांकि टेस्ट टीम में जगह नहीं मिली. लेकिन जुलाई में होने वाले श्रीलंका दौरे पर पृथ्वी शॉ को बतौर ओपनर लिमिटिड ओवर सीरीज के लिए चुना जा सकता है.
कोरोना वायरस की मार एक बड़ी क्रिकेट लीग पर पड़ी, दो साल के लिए टाला गया पहला सीजन