कल रात इंडियन प्रीमियर लीग सीज़न 12 में हुए दूसरे क्वालिफायर मुकाबले में महेंद्र सिंह धोनी की अगुवाई वाली चेन्नई सुपर किंग्स ने दिल्ली कैपिटल्स को छह विकेटों से हराकर आठवीं बार फाइनल में जगह बनाई. फाइनल से एक कदम दूर दिल्ली की टीम लड़खड़ा गई, जिसका खमियाज़ा उन्हें आईपीएल से बाहर होकर भरना पड़ा है. दिल्ली के कप्तान श्रेयस अय्यर ने इस हार के लिए अपने बल्लेबाजों को दोषी ठहराया, हालांकि उन्होंने साथ ही ये भी कहा कि उनके लिये यह सीज़न शानदार रहा.

मैचे के बाद अय्यर ने कहा, ‘‘सच कहूं तो ये विकेट उतना मुश्किल नहीं था. हमारी शुरुआत निराशाजनक रही. हमने पावरप्ले में ही दो विकेट गंवा दिए, जिससे उबरना मुश्किल था. उनके पास शानदार स्पिनर हैं. कोई भी बल्लेबाज पारी को संवार नहीं पाया और अच्छी साझेदारियां नहीं निभाई गई.’’

उन्होंने कहा, ‘‘हमारे लिए परिणाम निराशाजनक है, लेकिन यह हमारे लिये अच्छी सीख है. हमारे लिये यह सीज़न अच्छा रहा है.’’ श्रेयस ने कहा कि पारी के दौरान कोई भी अच्छी साझेदारी नहीं हो पाई, जो कि सबसे बड़ी गलती रही.



अय्यर ने बल्लेबाजों पर गुस्सा जताते हुए कहा, "किसी भी बल्लेबाज ने टीम को संभालने और अंत तक खड़े रहने की पहल नहीं की. साझेदारियां भी नहीं हुईं, यह हमारे लिए निराशाजनक है, लेकिन सीखने लायक चीज है."

अय्यर ने घरेलू मैदान की पिच को लेकर भी चिंता जाहिर की जहां दिल्ली ने सात मैचों में चार में जीत और तीन में हार झेली. कई बार दिल्ली को अपने घर फिरोज शाह कोटला में वैसी पिच नहीं मिली जिसकी उसे दरकार थी.

अय्यर ने कहा, "हमें इस पर सोचना होगा. हमने अपने घर में ज्यादा मैच नहीं जीते, लेकिन हम पिचों को लेकर शिकायत नहीं कर सकते. हम धीमी विकेट पर काफी अभ्यास कर रहे थे. पेशेवर खिलाड़ियों के तौर पर हम बहाने नहीं बना सकते."

अय्यर ने साथ ही कहा कि एक कप्तान के तौर पर उन्होंने काफी कुछ सीखा. बकौल अय्यर, "हमने अपने सीनियर धोनी, विराट कोहली, रोहित शर्मा को देखकर काफी कुछ सीखा कि किस तरह से वह टीम का नेतृत्व करते हैं. मेरे लिए टॉस के समय उनके साथ खड़े होना गर्व की बात थी. मैंने रोहित और बाकी लोगों से सुना था कि कप्तानी आसान नहीं होती है. हां, यह सही है कि कप्तानी आसान नहीं होती है, लेकिन मैं कप्तान बनकर खुश हूं."

अय्यर ने अपनी टीम की तारीफ करते हुए कहा, "मुझे अपनी टीम पर गर्व है. जिस तरह से हम एक परिवार के तौर पर रहे वह शानदार था. कोच, सहयोगी स्टाफ सभी ने अच्छा साथ दिया. अगले सीजन काफी कुछ आना बाकी है. हमने अपनी नीव बना ली है और अब बस आगे बढ़ना है."

आपको बता दें कि इस मुकाबले में चेन्नई सुपर किंग्स ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाज़ी का फैसला किया था. धोनी का ये फैसला सही भी साबित हुआ क्यों उनके गेंदबाज़ों ने 20 ओवरों में दिल्ली की टीम के नौ विकेट झटके और स्कोर 147 रनों से आगे नहीं बढ़ने दिया.

148 रनों के आसान से लक्ष्य का पीछा करते हुए चेन्नई की ओपनिंग जोड़ी ने ही 81 रनों की पार्टनरशिप कर डाली, जिससे जीत और भी आसान हो गई. चेन्नई ने इस लक्ष्य को 19 ओवर में हासिल कर लिया.

दिल्ली की तरफ से ट्रेंट बोल्ट, ईशांत शर्मा, अक्षर पटेल और अमित मिश्रा ने एक एक सफलता हासिल की. मुकाबले में 50 रनों की पारी खेलने वाले फाफ डु प्लेसिस को मैन ऑफ द मैच चुना गया.