रवि शास्त्री के इंग्लैंड दौरे पर 'सर्वश्रेष्ठ टीम' संबंधी बयान पर पहली बार भारत के किसी बड़े खिलाड़ी ने अपना पक्ष रखा है. शास्त्री के बयान पर पूर्व भारतीय कप्तान राहुल द्रविड़ सामने आए हैं और उन्होंने कहा कि यह मायने नहीं रखता कौन सर्वश्रेष्ठ है और कौन नहीं क्योंकि अभी ज्यादा महत्वपूर्ण यह है कि टीम ने उससे क्या सीख ली और आगे कैसे बढ़ना है.


भारतीय टीम को हाल के इंग्लैंड दौरे में पांच टेस्ट मैचों की सीरीज में 1—4 से करारी हार का सामना करना पड़ा था लेकिन शास्त्री ने इस बीच यह कहकर नई बहस छेड़ दी थी कि विराट कोहली की अगुवाई वाली टीम पिछले 15—20 वर्षों में सर्वश्रेष्ठ टीम है. सुनील गावस्कर सहित कई पूर्व क्रिकेटरों ने उनके इस बयान की आलोचना की थी.


आपको बता दें कि भारत ने इंग्लैंड में आखिरी टेस्ट सीरीज 2007 में जीती थी और उस वक्त टीम के कप्तान द्रविड़ थे. उनका मानना है कि शास्त्री के बयान को बढ़ा चढ़ाकर पेश कर दिया गया.


बढ़ा चढ़ा कर पेश किया गया


द्रविड़ ने कहा, 'मुझे लगता है कि इस पूरी बात को बढ़ा चढ़ाकर पेश कर दिया गया और शास्त्री क्या सोचते हैं और क्या नहीं इस पर टिप्पणी करने में मेरी दिलचस्पी नहीं है. महत्वपूर्ण यह है कि हमने इन सब चीजों से क्या सीख ली है और अगली बार दौरा करने के लिये हमें क्या करना चाहिए.'


अपने जमाने के इस दिग्गज बल्लेबाज ने पत्रकारों से कहा, 'कौन सर्वश्रेष्ठ है और कौन नहीं ये मेरे लिये मायने नहीं रखता है. मैं इस तरह से नहीं सोचता क्योंकि सारी चीजों को बहुत बढ़ा चढ़ाकर पेश कर दिया गया. मेरे लिये महत्वपूर्ण यह है कि हमने इस सबसे सबक सीखा है और अगली बार इंग्लैंड दौरे पर हम क्या बेहतर कर सकते हैं.' द्रविड़ ने हालांकि स्वीकार किया कि भारतीय टीम विशेषकर गेंदबाजी आक्रमण बहुत अच्छा है लेकिन मौकों का फायदा नहीं उठा पाने के कारण उसे हार का सामना करना पड़ा.


मौके का फायादा नहीं उठा सकी टीम इंडिया


उन्होंने कहा, 'हमें तीन या चार साल में एक बार इंग्लैंड दौरा करने का मौका मिलता है और खिलाड़ियों और कोचिंग स्टाफ को भी निराशा होती है क्योंकि कोई नहीं जानता कि अगले चार वर्षों में क्या होगा. इस बार वास्तव में हमारी टीम अच्छी थी. हमारा गेंदबाजी आक्रमण बेजोड़ था.' द्रविड़ ने कहा, 'मुझे लगता है कि टीम को भी अहसास होगा कि उसके पास मौके थे. निश्चित तौर पर इस सीरीज के कुछ सकारात्मक पहलू भी रहे. हमारी गेंदबाजी और हमारी फील्डिंग अच्छी रही, विशेषकर हमारी कैचिंग बहुत अच्छी थी, लेकिन जैसे मैंने पहले कहा कि हमारे पास मौके थे लेकिन इस बार हम उनका फायदा नहीं उठा पाये. हमें चार साल में इंग्लैंड दौरे का मौका मिलता है तो इस लिहाज से यह निराशाजनक है.'


बल्लेबाजों के लिए आसान नहीं होता इंग्लैंड दौरा



भारत के 2011 दौरे में द्रविड़ अकेले बल्लेबाज थे जिन्होंने इंग्लैंड में अच्छा प्रदर्शन किया जबकि इस बार कोहली को छोड़कर बाकी सभी बल्लेबाज जूझते रहे. द्रविड़ ने कहा, 'ईमानदारी से कहूं तो इंग्लैंड में परिस्थितियां बल्लेबाजों के लिये आसान नहीं होती हैं. दोनों टीमों के बल्लेबाजों को ही संघर्ष करना पड़ा. अगर विराट कोहली को छोड़ दिया जाए तो यह दोनों टीमों के बल्लेबाजों के लिये आसान सीरीज नहीं रही. मैं इंग्लैंड में खेला हूं और वहां परिस्थितियां कड़ी होती हैं लेकिन जरूरत इसकी है कि हमें ऐसा क्या करना चाहिए जिससे हम इस तरह की परिस्थितियों में जितना संभव हो सके बेहतर खेल सकें.'


पाकिस्तान पर ध्यान देने की जरूरत नहीं



पूर्व भारतीय कप्तान ने इसके साथ ही वर्तमान में संयुक्त अरब अमीरात में चल रहे एशिया कप में पाकिस्तान पर अधिक ध्यान केंद्रित करने के प्रति भी आगाह किया क्योंकि अफगानिस्तान और बांग्लादेश जैसी टीमें भी अच्छा प्रदर्शन कर रही हैं.


द्रविड़ ने कहा, 'वास्तव में टूर्नामेंट में पूरा ध्यान पाकिस्तान पर केंद्रित किया जा रहा है लेकिन अन्य टीमें भी अच्छा प्रदर्शन कर रही हैं. बांग्लादेश अच्छा खेल रहा है. उसने श्रीलंका को आसानी से हराया. अफगानिस्तान ने दिखाया कि उसकी टीम बहुत मजबूत है. हमें केवल पाकिस्तान पर ध्यान नहीं देना चाहिए. हमें अन्य टीमों से भी सतर्क रहने की जरूरत है.' भारत ने पाकिस्तान को पिछले मैच में आठ विकेट से करारी शिकस्त दी थी. इन दोनों टीमों को रविवार को सुपर फोर में फिर एक दूसरे का सामना करना है.