पिछले कई दशकों से क्रिकेट को ओलम्पिक खेलों में शामिल करने की मांग हो रही है. टीम इंडिया के पूर्व कप्तान और एनसीए चीफ राहुल द्रविड़ ने भी ओलम्पिक खेलों में क्रिकेट को शामिल किए जाने की पैरवी की है. आईसीसी ने 2018 में इसे लेकर सर्वे भी किया था, जिसमें 87 प्रतिशत प्रशंसकों ने कहा था कि वह ओलम्पिक में क्रिकेट होता देखना चाहते हैं.


बीसीसीआई हालांकि ओलम्पिक में अपनी टीम को भेजने को लेकर उत्सुक नहीं है. क्रिकेट को 2010 और 2014 के एशियाई खेलों में भी शामिल किया गया था, लेकिन बीसीसीआई ने अपनी टीम नहीं भेजी थी.


द्रविड़ ने स्वीकार की चुनौतियां


द्रविड़ मानते हैं कि क्रिकेट को ओलम्पिक खेलों में शामिल करने पर कई चुनौतियां आएंगी. भारतीय टीम के पूर्व कप्तान राहुल द्रविड़ ने कहा, "मुझे लगता है कि अगर क्रिकेट ओलम्पिक खेल बन जाता है तो यह शानदार रहेगा क्योंकि 75 राष्ट्र हैं जहां टी-20 क्रिकेट खेला जाता है. जाहिर सी बात है कि इसके साथ चुनौतियां भी आएंगी."


द्रविड़ ने टी20 क्रिकेट के विस्तार के लिए खुद को पूरी तरह से तैयार बताया है. उन्होंने कहा, "हमने हाल ही में देखा, आईपीएल की सफलता का राज पिचें थीं जिनपर मैच खेले गए. अगर आप सुविधाओं को सही तरीके से मुहैया करा सकते हैं तो क्यों नहीं. मैं टी-20 क्रिकेट के विस्तार के लिए तैयार हूं.अगर यह कार्यक्रम में शामिल हो सकता है, अगर संभव हो तो क्रिकेट को ओलम्पिक में आना चाहिए. इसमें थोड़ा समय लगेगा."


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