राहुल द्रविड़ ने मुझसे कभी अपना प्राकृतिक खेल बदलने के लिए नहीं कहा- पृथ्वी शॉ
शॉ की कप्तानी में भारतीय अंडर-19 टीम ने विश्व कप जीता था और उस वक्त द्रविड़ टीम के कोच थे. शॉ ने कहा, "जब द्रविड़ सर होते हैं तो आपको अनुशासित होकर रहना पड़ता है. उनसे थोड़ा डर लगता है लेकिन मैदान के बाहर वह हमारे साथ दोस्त की तरह रहते थे."
भारतीय टीम के बल्लेबाज पृथ्वी शॉ ने कहा है कि टीम के पूर्व बल्लेबाज राहुल द्रविड़ ने उनसे कभी उनका प्राकृतिक खेल बदलने के लिए नहीं कहा. शॉ ने क्रिकबज से कहा, "हमने द्रविड़ सर के साथ दो साल पहले दौरा किया था. हमें पता था कि वह अलग हैं लेकिन उन्होंने कभी भी हम लोगों से अपने जैसा बनने का दबाव नहीं डाला. उन्होंने कभी भी मुझसे कुछ भी बदलने के लिए नहीं कहा. द्रविड़ सर हमेशा मुझे प्राकृतिक खेल खेलने के लिए कहते थे."
शॉ की कप्तानी में भारतीय अंडर-19 टीम ने विश्व कप जीता था और उस वक्त द्रविड़ टीम के कोच थे. शॉ ने कहा, "जब द्रविड़ सर होते हैं तो आपको अनुशासित होकर रहना पड़ता है. उनसे थोड़ा डर लगता है लेकिन मैदान के बाहर वह हमारे साथ दोस्त की तरह रहते थे."
उन्होंने कहा, "द्रविड़ सर हमारे साथ डिनर के लिए जाते थे और उन जैसे लेजेंड खिलाड़ी के साथ डिनर करने का मेरा सपना सच हुआ था. कोई भी युवा खिलाड़ी लेजेंड क्रिकेटर के साथ डिनर करना पसंद करेगा जिसने 15-16 साल तक अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेला है. उनके साथ बात करना मेरे लिए अच्छा अनुभव रहा."
शॉ ने कहा, "मुझे यकीन है कि द्रविड़ सर भी अंडर-19 और रणजी ट्रॉफी के समय में इस दौर से गुजरे होंगे. उन्हें पता है कि दौरे के दौरान हम लोगों से किस तरह प्रदर्शन कराना है." उन्होंने कहा, "द्रविड़ सर हर एक खिलाड़ी से बात करते थे जो काफी अच्छा था. मुझे बस वह यह कहते थे कि अपना प्राकृतिक खेल खेलो."