भारत के पूर्व कप्तान राहुल द्रविड़ की गिनती दुनिया के सबसे महान बल्लेबाजों में होती है. हालांकि अपने करियर के दौरान राहुल द्रविड़ धीमी बल्लेबाजी की वजह से निशाने पर रहते थे. द्रविड़ ने अपने उस दर्द को बयां किया है जब सिलेक्टर्स ने उन्हें टेस्ट बल्लेबाज का तमगा देकर करीब सालभर के लिए वनडे टीम से बाहर रखा. द्रविड़ का कहना है कि सिलेक्टर्स उन्हें करियर की शुरुआत में वनडे क्रिकेटर नहीं मानते थे.
राहुल द्रविड़ को 1998 में वनडे टीम से बाहर रहना पड़ा था. हालांकि 1999 के वर्ल्ड कप में राहुल द्रविड़ ने शानदार वापसी की और इंग्लैंड में हुए वर्ल्ड कप में भी बेहतरीन पारियां खेलीं. द्रविड़ ने कहा,
द्रविड़ ने आगे कहा,
द्रविड़ के पास था कोच बनने का मौका
बता दें कि सचिन तेंदुलकर के अलावा टीम इंडिया में राहुल द्रविड़ की ऐसे बल्लेबाज हैं जिन्होंने टेस्ट और वनडे में 10, 10 हजार से ज्यादा रन बनाए हैं. राहुल द्रविड़ के नाम इंटरनेशनल क्रिकेट में 24 हजार से ज्यादा रन दर्ज हैं.
हाल ही में राहुल द्रविड़ ने टीम इंडिया के कोच नहीं बनने के राज से भी पर्दा हटाया था. बोर्ड से जुड़े एक पूर्व अधिकारी का कहना था कि 2016 में द्रविड़ के पास टीम इंडिया का कोच बनने का मौका था, लेकिन उन्होंने परिवार को प्राथमिकता देना बेहतर समझा.
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