Rahul Dravid on Indian Pitches: बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी 2023 के शुरुआती तीनों टेस्ट मैच 3-3 दिन के अंदर ही खत्म हो गए. तीनों मैचों में स्पिन फ्रेंडली पिचें थीं, जिन पर पहले ही दिन से स्पिनर्स को खूब मदद मिली. इन पिचों को लेकर काफी बवाल भी मचा. तीसरे टेस्ट में इंदौर की पिच को तो ICC ने खराब रेटिंग भी दी. अब टीम इंडिया के हेड कोच ने भारत में बन रही इस तरह की पिचों पर अपनी बात रखी है.
राहुल द्रविड़ का कहना है कि केवल भारत में ही नहीं बल्कि दुनियाभर में टेस्ट क्रिकेट में नतीजे देने वाली पिचें तैयार की जा रही हैं, ऐसा वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप में ज्यादा पॉइंट्स हासिल करने के लिए किया जा रहा है. यही कारण है कि मेजबान टीमें अपने मजबूत पक्ष के आधार पर पिच तैयार कर रही हैं.
'टेस्ट पिचों के लिए बेंचमार्क और मानक बदल गए हैं'
द्रविड़ ने कहा 'हर टीम अपने घरेलू मैदानों पर नतीजा चाहती हैं या यह कहें कि वह घर में अपना प्रदर्शन अच्छा भी रखना चाहती हैं. अगर मैच ड्रॉ होता है तो WTC में 4 अंक मिलते हैं और जीतने पर 12 अंक मिलते हैं. इसलिए हर कोई चाहेगा कि टेस्ट में वह अपने पक्ष में नतीजा निकाले. अगर आप पिछले 3-4 सालों को देखें तो पाएंगे कि दुनियाभर की पिचें बल्लेबाजी के लिए चैलेंजिंग रही हैं. ऐसा सिर्फ भारत में ही नहीं है. इस मामले में आपको वास्तविक परिस्थिति समझनी होगी कि अब टेस्ट पिचों के लिए बेंचमार्क और मानक क्या हैं.'
'ऐसी पिचों पर 50-60 रन की पारी भी निर्णायक हो सकती है'
राहुल द्रविड़ ने कहा, 'यह समझना होगा कि अब इस तरह की पिचों पर एक अच्छी परफॉर्मेंस गेम की दिशा पलट सकती है. हम पहले टेस्ट में रोहित की शतकीय पारी से इसे समझ सकते हैं. यहां आपको अपने बल्लेबाजों को सपोर्ट करना होगा. समझाना होगा कि ये चैलेंजिंग पिच है और दोनों टीमों के लिए एक जैसी है, इसे एक मौका समझे और अच्छा करें. जरूरी नहीं कि यहां दोहरा शतक जड़ें, 50-60 रन की पारी भी इन परिस्थितियों में निर्णायक रह सकती हैं.'
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