Rajvardhan Hangargekar age fudging allegation: महाराष्ट्र राज्य खेल आयुक्त ओमप्रकाश बाकोरिया ने भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) को पत्र लिखकर भारत की अंडर-19 विश्व कप विजेता टीम के सदस्य राजवर्धन हांगरगेकर के खिलाफ आयु धोखाधड़ी के लिए कड़ी कार्रवाई की मांग की है. 8 फरवरी के पत्र में बाकोरिया ने बीसीसीआई सचिव जय शाह को लिखा है कि इस तेज गेंदबाज ने अपनी उम्र 10 जनवरी 2001 से बदलकर 10 नवंबर 2002 की और वह हाल में संपन्न अंडर-19 विश्व कप में खेलते हुए पात्रता से अधिक उम्र का खिलाड़ी था.
बाकोरिया ने लिखा, ‘‘राजवर्धन हांगरगेकर का आचरण खेल अखंडता और नैतिकता के खिलाफ था. इससे निष्पक्ष खेल नहीं हो पाया और देश की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचा. इसलिए आपसे आग्रह किया जाता है कि आप कानून के अनुसार कड़ी कार्रवाई करें.’’
यह पत्र महाराष्ट्र क्रिकेट संघ के सचिव रियाज बागबान को भी भेजा गया है. बाकोरिया ने आगे लिखा, ‘‘जांच और उसकी रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि राजवर्धन हांगरगेकर ने अपनी पढ़ाई उस्मानाबाद के टेरना पब्लिक स्कूल से की. यह महाराष्ट्र सरकार की विद्यालय संहिता के अंतर्गत संचालित है.’’
उन्होंने लिखा, ‘‘उस्मानाबाद के टेरना पब्लिक स्कूल में पहली कक्षा में प्रवेश के समय राजवर्धन हांगरगेकर की जन्म तिथि 10 जनवरी 2001 बताई गई. स्कूल के रिकॉर्ड के अनुसार सातवीं कक्षा तक राजवर्धन हांगरगेकर की जन्म तिथि 10 जनवरी 2001 थी.’’
आयुक्त ने आरोप लगाया कि स्कूल ने हांगरगेकर की जन्म तिथि में अनधिकृत बदलाव किए. उन्होंने कहा, ‘‘उस्मानाबाद के टेरना पब्लिक स्कूल के जनरल रजिस्टर के अनुसार उसकी जन्म तिथि 10 जनवरी 2001 थी. ऐसा लगता है कि प्रधानाध्यापक ने अनधिकृत बदलाव किए और आठवीं कक्षा में नए आवेदन के समय उसकी जन्म तिथि 10 नवंबर 2002 लिखी गई.’’
बाकोरिया ने लिखा, ‘‘अगर प्राधानाध्यापक को जन्म तिथि में बदलाव करने की जरूरत थी तो उसे संबंधित जिले के शिक्षा अधिकारी से जरूरी स्वीकृति लेनी चाहिए थी. हालांकि राजवर्धन हांगरगेकर की जन्म तिथि में बदलाव करते हुए ऐसी कोई स्वीकृति नहीं ली गई.’’ उन्होंने कहा, ‘‘इस तरह अधिकारों से बाहर जाकर बदलाव किए गए और यह धोखाधड़ी तथा सरकारी रिकॉर्ड में जालसाजी है. ’’
पिछले हफ्ते चेन्नई सुपरकिंग्स ने आईपीएल नीलामी में हांगरगेकर को डेढ़ करोड़ रुपये में खरीदा था.
इससे पहले 2018 अंडर-19 विश्व कप के फाइनल में मैच विजयी शतक जड़ने वाले मनजोत कालरा को भी आयु धोखाधड़ी के कारण दिल्ली के लिए खेलने से दो साल के लिए प्रतिबंधित कर दिया गया था. सितंबर 2011 में महाराष्ट्र के अंकित बावने को भी भारत की अंडर-19 टीम से हटा दिया गया था जब पासपोर्ट पर उनकी जन्म तिथि का मिलाना उनके जन्म प्रमाण पत्र और बीसीसीआई रिकॉर्ड से नहीं हुआ था.
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