इंदौर: रणजी ट्रॉफी फाइनल के पहले दिन विदर्भ और दिल्ली के बीच कांटे की टक्कर देखने को मिली. जहां आधे दिन विदर्भ के गेंदबाजों का जलवा रहा तो अंतिम सत्र में दिल्ली के बल्लेबाजों ने शानदार प्रदर्शन किया. दिल्ली के दिग्गज बल्लेबाजों के जल्द पवेलियन लौट जाने के बाद ध्रुव शोरे ने अपने जज्बे का अच्छा नमूना पेश करते हुए नाबाद शतक जमाया. पहले दिन का खेल खत्म होने तक दिल्ली ने छह विकेट पर 271 रन बना लिए हैं.

शोरे 256 गेंदों का सामना करके 123 रन बनाकर खेल रहे हैं. यह उनका प्रथम श्रेणी क्रिकेट में तीसरा और निसंदेह सबसे महत्वपूर्ण शतक है. शोरे ने लगभग पूरे दिन बल्लेबाजी की और इस बीच 17 चौके लगाए.

कुणाल चंदेला के पहले ओवर में आउट होने के बाद क्रीज पर उतरे 25 वर्षीय शोरे ने होलकर स्टेडियम में विदर्भ के गेंदबाजों के शुरूआती स्पैल का डटकर सामना करने के बाद रन बनाने का बीड़ा उठाया.

शोरे ने हिम्मत सिंह के साथ पांचवें विकेट के लिए 105 रन बनाए. हिम्मत ने 72 गेंदों पर आठ चौकों और दो छक्कों की मदद से 66 रन की प्रवाहमय पारी खेली.

बल्लेबाजी का न्यौता पाने के बाद दिल्ली की शुरूआत अच्छी नहीं रही. उसने अनुभवी गौतम गंभीर सहित अपने दोनों ओपनर पहले घंटे के खेल में ही गंवा दिए थे. दिन आगे बढ़ने के साथ दिल्ली अच्छी वापसी कर रहा था लेकिन हिम्मत के आउट होने से उसे निश्चित तौर पर निराशा हुई होगी.

हिम्मत बेपरवाह बल्लेबाजी कर रहे थे. उन्होंने बायें हाथ के स्पिनर आदित्य सरवटे पर लॉन्ग ऑन और लॉन्ग ऑफ पर छक्के लगाए और रजनीश गुरबाणी के भी एक ओवर में तीन चौके लगाये लेकिन इसके बाद वह विकेट के पीछे कैच देकर पवेलियन लौट गए.

उमेश यादव की जगह अपना पहला प्रथम श्रेणी मैच खेल रहे आदित्य ठाकरे और गुरबाणी ने विदर्भ की तरफ से दो-दो विकेट लिए हैं.

ठाकरे ने पहली बार फाइनल में खेल रही विदर्भ की टीम को शुरूआती ओवर में ही सफलता दिलायी जब उन्होंने प्रथम श्रेणी मैचों में अपने पहले ओवर में ही चंदेला को पवेलियन भेजा. उन्होंने पहले आउटस्विंगर पर उन्हें हैरान किया और फिर बाहर जाती गेंद बल्ले का किनारा लेकर पहली स्लिप में कप्तान फैज फजल के पास चली गयी. दिल्ली का स्कोर एक विकेट पर एक रन हो गया. शोरे ने यहीं पर क्रीज पर कदम रखा. विदर्भ को जल्द ही दूसरी बार जश्न मनाने का मौका मिला जब ऑफ स्पिनर अक्षय वाखरे ने गंभीर (15) को बोल्ड किया. गेंद बल्लेबाज के पैड से लगकर विकेट पर लगी. यह वाखरे का प्रथम श्रेणी मैचों में 200वां विकेट भी था.

टीम का सबसे सीनियर बल्लेबाज पवेलियन में विराजमान था और ऐसे में दिल्ली को अच्छी साझेदारी की जरूरत थी लेकिन ठाकरे ने नितीश राणा (21) को पगबाधा आउट कर दिया. इस सेशन में रन बनाने के लिये जूझ रहे कप्तान ऋषभ पंत (21) फिर से बड़ी पारी खेलने में नाकाम रहे. उन्होंने गुरबाणी की बाहर जाती गेंद को स्लैश करने के प्रयास में अपना विकेट गंवाया.

दिल्ली का स्कोर चार विकेट पर 99 रन हो गया. यहां से हिम्मत और शोरे ने पारी आगे बढ़ायी. हिम्मत जहां प्रवाहमय बल्लेबाजी कर रहे थे वहीं शोरे ने अपनी एकाग्रता बनाए रखी और सात बार के चैंपियन को वापसी करने में मदद की.

दिल्ली ने दूसरे सेशन में अच्छा प्रदर्शन किया और इस बीच 27 ओवरों में एक विकेट गंवाकर 91 रन जोड़े. यह सब हिम्मत और शोरे की साझेदारी के कारण संभव हो पाया. हिम्मत का आउट होना हालांकि विवादास्पद भी रहा.

उनके पवेलियन लौटने के बाद मनन शर्मा (13) भी ज्यादा देर तक नहीं टिक पाए. फजल ने पहली स्लिप में उनका शानदार कैच लिया. स्टंप उखड़ने के समय शोरे के साथ विकास मिश्रा पांच रन पर खेल रहे थे.