पुणे: दिल्ली और बंगाल के बीच रविवार शुरू हो रहे रणजी ट्रॉफी सेमीफाइनल में मोहम्मद शमी की अगुवाई वाली बंगाल की गेंदबाजी का सामना गौतम गंभीर और ऋषभ पंत जैसे सितारों से सजी दिल्ली की बल्लेबाजी से होगा.

यह मैच देश के सबसे बेहतरीन तेज आक्रमण और बल्लेबाजी क्रम के बीच होगा जिसमें दोनों टीमों के पास मैच विनर खिलाड़ियों की कमी नहीं है.

बंगाल ने 2009-10 सीजन के बाद दिल्ली को कभी पहली पारी में बढत नहीं लेने दी है. बंगाल के कप्तान मनोज तिवारी और गंभीर के अतीत में तनावपूर्ण संबंध रहे हैं.

गंभीर इस सीजन में अभी तक 505 रन बना चुके हैं हालांकि 36 साल की उम्र में अब भारत के लिए उनके दोबारा खेलने की गुंजाइश नहीं बची है.

दिल्ली के युवा खिलाड़ियों नीतिश राणा ( 515 रन ), ध्रुव शौरे ( 374 रन ) , हिम्मत सिंह ( तीन मैचों में 215 रन ) और कुणाल चंदेला ( दो मैचों में 202 रन ) ने भी अच्छा प्रदर्शन किया है. गेंदबाजी में स्पिनर विकास मिश्रा ने 31 विकेट लेकर प्रथम श्रेणी क्रिकेट में वापसी की है. वहीं नवदीप सैनी ने 22 विकेट चटकाए हैं.

बंगाल के लिए नियमित टेस्ट विकेटकीपर ऋधिमान साहा पर काफी दारोमदार होगा. अभिमन्यु ईश्वरन ( 547 रन ) और अविषेक रमन (587 रन ) ने पारी की शुरूआत करते हुए अच्छा प्रदर्शन किया है.


दिल्ली ने आखिरी बार 2007-08 का टूर्नामेंट अपने नाम किया था तो वहीं बंगाल 1989-90 के बाद से टूर्नामेंट नहीं जीत पाई है.