चेतेश्वर पुजारा (नाबाद 131) और शेल्डन जैक्सन (100) की शतकीय पारियों के दम पर सौराष्ट्र ने तीसरी बार रणजी ट्रॉफी के फाइनल में प्रवेश कर लिया है. सौराष्ट्र ने सोमवार को एम. चिन्नास्वामी स्टेडियम में खेले गए दूसरे सेमीफाइनल मैच में कर्नाटक को पांच विकेट से हराया.
इस मैच में सौराष्ट्र की टीम ने जीत हासिल की, पुजारा ने शानदार बल्लेबाज़ी भी की लेकिन फिर भी उन्हें सोशल मीडिया पर लोग 'चीटर' बुला रहे हैं. जी हां, आप सोच रहे होंगे कि आखिर क्यों टीम इंडिया के हीरो को इस तरह से फैंस मैदान पर चीटर बुला रहे हैं.
आइये आपको बताते हैं:
दरअसल इस मुकाबले में बीते दिन पुजारा को मैदान पर खड़े अंपायर ने नॉट आउट दिया, जब पुजारा आर विनय की एक गेंद पर निक के बाद विकेटकीपर द्वारा पकड़े गए. कर्नाटक के पूर्व कप्तान इस विकेट को सेलिब्रेट कर रहे थे, साथ ही टीम के बाकी खिलाड़ी भी इसका जश्न मना रहे थे. खुद कॉमेंटेटर ने भी कहा कि पुजारा के बल्ले का किनारा लगा है. लेकिन मैदान पर खड़े अंपायर ने पुजारा को नॉट आउट दे दिया.
अंपायर के इस फैसले से सभी खिलाड़ी हैरान रह गए थे. पुजारा को नॉट आउट दिए जाने से नाराज गेंदबाज आर विनय ने भी अंपायर से कुछ बात की. वह अंपायर के इस फैसले से नाखुश थे, लेकिन कर्नाटक के पास अंपायर के फैसले को स्वीकार करने के अलावा कोई विकल्प नहीं था. खुद रीप्ले में कॉमेंटेटर ने भी बताया कि पुजारा के ग्लव से लगकर गेंद विकेटकीपर के हाथ में गई है.
इसके बाद पुजारा जब बीते दिन वापस ड्रेसिंग रूम में लौट रहे थे तो मैदान पर मौजूद भारतीय दर्शकों ने पुजारा को चिल्ला चिल्लाकर 'चीटर-चीटर' पुकारा.
दूसरे सेमीफाइनल में कर्नाटक की ओर से मिले 279 रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए सौराष्ट्र की टीम ने चौथे दिन रविवार को स्टम्प्स तक तीन विकेट के नुकसान पर 224 रन बना लिए थे. उसे जीत के लिए 55 रनों की दरकार थी.
जिसे आज पांचवें और आखिरी दिन सोमवार को बाकी बचे 55 रनों के लक्ष्य को हासिल करने उतरी सौराष्ट्र ने 244 रनों के स्कोर से आगे खेलना शुरू किया. पांचवें विकेट के लिए पुजारा का साथ देने आए अर्पित वसावाडा (12) को 274 के स्कोर पर रोनित मोरे ने सिद्धार्थ के हाथों कैच आउट कर पवेलियन भेजा.
इसके बाद, पुजारा ने प्रेरक मानकड (4) के साथ जीत के लिए जरूरी पांच रन जोड़े और 279 रनों के लक्ष्य को हासिल कर सौराष्ट्र को फाइनल में पहुंचाया.
इस विवादास्पद पारी में पुजारा ने कुल 266 गेंदों का सामना किया. उन्होंने 15 चौके लगाए.
इस पारी में कर्नाटक के लिए विनय कुमार ने सबसे अधिक तीन विकेट लिए. इसके अलावा, अभिमन्यु मिथुन और रोनित को एक-एक सफलता मिली.
रणजी ट्रॉफी में 1950-51 सीजन से कदम रखने वाली सौराष्ट्र की टीम दो बार 2012-13 और 2015-16 सीजन में रनर-अप रही. वह अब तीसरी बार फाइनल में पहुंची है और ऐसे में उसके पास पहला रणजी ट्रॉफी खिताब हासिल करने का एक और मौका है.
सौराष्ट्र की भिड़ंत तीन फरवरी से शुरू हो रहे फाइनल मुकाबले में विदर्भ से होगी. विदर्भ ने पहले सेमीफाइनल मैच में केरल को पारी एवं 11 रनों से हराया. और 2 विकेट अपने नाम किए.
आपको बता दें कि इस मैच की पहली पारी में भी चेतेश्वर पुजारा को अंपायर ने विवादित नॉट-आउट दिया था.