Ranji Trophy: 23 साल बाद चंद्रकांत पंडित ने पूरा किया सपना, कप्तानी में हुए थे फेल, लेकिन कोचिंग से MP को बना दिया चैंपियन
Madhya Pradesh Team: बीते 23 सालों में चंद्रकांत ने बतौर कोच मुंबई को 3 और विदर्भ को 2 खिताब जिताए. दो साल पहले ही उन्हें मध्यप्रदेश का हेड कोच बनाया गया था और आज परिणाम सभी के सामने है.
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Ranji Trophy 2021-22: रणजी ट्राफी 2022 के फाइनल में रविवार को मध्यप्रदेश (madhya pradesh) ने मुंबई को 6 विकेट से हराकर इतिहास रच दिया. बेंगलुरु के एम चिन्नास्वामी स्टेडियम (M.Chinnaswamy Stadium) में खेले गए मुकाबले में जीत के साथ मध्य प्रदेश ने पहली बार रणजी ट्रॉफी का खिताब अपने नाम किया है. इससे पहले मध्यप्रदेश ने कभी रणजी का फाइनल मैच नहीं जीता था. टीम साल 1999 में चंद्रकात पंडित की कप्तानी में फाइनल तक पहुंची थी, जहां उसे कर्नाटक के हाथों 96 रन से हार का सामना करना पड़ा था. घरेलू क्रिकेट के द्रोणाचार्य कहे जाने वाले चंद्रकांत पंडित (chandrakant pandit) वर्तमान ने मध्यप्रदेश के हेड कोच हैं. 23 साल बाद उनका सपना पूरा हो गया है.
दो साल पहले बने एमपी के कोच
बीते 23 सालों में चंद्रकांत ने बतौर कोच मुंबई को 3 और विदर्भ को 2 खिताब जिताए. दो साल पहले ही उन्हें मध्यप्रदेश का हेड कोच बनाया गया था और आज परिणाम सभी के सामने है. चंद्रकांत को सख्त कोच के रूप में जाना जाता है. उन्होंने अपने ही अंदाज में मध्यप्रदेश की टीम को तैयार किया. छह साल से क्वार्टरफाइनल में जगह नहीं बना पाने वाली टीम फाइनल में पहुंची और विजेता बनी.
जीत के बाद भावुक नजर आए
मध्यप्रदेश की रणजी में जीत पर चंद्रकांत पंडित काफी भावुक नजर आए. मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा कि 23 साल पहले जो मैंने छोड़ा था उसकी शानदार यादें हैं. मेरे लिए यह एक आशीर्वाद की तरह है कि मैं यहां आया. मैं कप्तान के रूप में रणजी जीतने से चूक गया था. मेरे पास कई प्रपोजल थे, लेकिन मैंने मध्य प्रदेश को चुना. कभी-कभी प्रतिभा होती है लेकिन आपको संस्कृति को विकसित करने की जरूरत होती है. यह खेल की मांग भी होती है और मैं उसे विकसित करना चाहता हूं. इस दौरान उन्होंने कप्तान आदित्य की तारीफ भी की.
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