कभी ग्लूकोज बिस्किट खाकर गुजारा करता था यह भारतीय क्रिकेटर, करोड़पति बनने के बाद बोला- अब भी नहीं बदला हूं
Mumbai vs Uttar Pradesh: रणजी ट्रॉफी खेल रहे यशस्वी ने अपने पुराने दिनों को याद किया. उन्होंने बताया है कि करियर के शुरुआती दिन उनके लिए काफी कठिन थे. उनके लिए सब कुछ बहुत अनिश्चित था.

Ranji Trophy 2022: रणजी ट्रॉफी 2022 में दूसरा सेमीफाइनल मुकाबला मुंबई और उत्तर प्रदेश (Mumbai vs Uttar Pradesh) के बीच जस्ट क्रिकेट एकेडमी ग्राउंड, बेंगलुरु में खेला जा रहा है. पहले दिन स्टंप तक मुंबई ने 5 विकेट के नुकसान पर 260 रन बना लिए हैं. मुंबई के सलामी बल्लेबाज 21 साल के यशस्वी जायसवाल (yashasvi jaiaswal) ने 15 चौकों की मदद से अपना शतक पूरा किया. पहले दिन शानदार बल्लेबाजी करने वाले यशस्वी छोटी उम्र में ही भारतीय क्रिकेट में अपनी अलग पहचान बना चुके हैं. अंडर 19 विश्व कप से लेकर रणजी ट्रॉफी और आईपीएल में भी उन्होंने अपनी बल्लेबाजी का जलवा दिखाया है.
कठिन थे शुरुआती दिन
रणजी ट्रॉफी खेल रहे यशस्वी (yashasvi jaiaswal) ने अपने पुराने दिनों को याद किया. उन्होंने बताया है कि करियर के शुरुआती दिन उनके लिए काफी कठिन थे. उनके लिए सब कुछ बहुत अनिश्चित था, ऐसा लगता था कि कभी भी सब कुछ खत्म हो सकता है. भारत के लिए उनके खेलने का सपना टूट सकता है. लेकिन उन्होंने संघर्ष जारी रखा और अंडर-19 के बाद आईपीएल में शानदार प्रदर्शन किया.
कभी पारी पूरी बेचते थे यशस्वी
उत्तर प्रदेश के भदोही के रहने वाले यशस्वी (yashasvi jaiaswal) 11 साल की उम्र में क्रिकेटर बनने के लिए मुंबई पहुंच गए थे. उनके पास रहने-खाने तक के पैसे नहीं थे, ऐसे में वह टेंट में सोते थे. यशस्वी ने बताया कि कई बार तो वह पूरा दिन ग्लूकोज बिस्किट खाकर ही निकाल देते थे. जीवन चलाने के लिए वह मैदान के बाहर पानी पूरी बेचते थे. यशस्वी ने कहा कि अब उन्हे पैसे की कोई समस्या नहीं होती है और वह आरामदायक जीवन जी रहे हैं. यशस्वी ने कहा कि भले ही अब उनके पास पैसे की कमी नहीं है लेकिन उनके सोचने का तरीका नहीं बदला है. उन्होंने कहा कि वह जैसे पहले थे, वैसे ही आज भी हैं और भविष्य में भी ऐसे ही रहेंगे.
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