रणजी ट्रॉफी: बिहार के आशुतोष अमन ने तोड़ा रणजी ट्रॉफी में 44 साल पुराना रिकॉर्ड
18 साल बाद रणजी ट्रॉफी में वापसी करने वाली बिहार क्रिकेट टीम के लिए स्पिन गेंदबाज आशुतोष अमन ने एक सीजन में 68 विकेट लेकर सबसे अधिक विकेट लेने का कारनामा किया है.
18 साल बाद रणजी ट्रॉफी में वापसी करने वाली बिहार क्रिकेट टीम के लिए आशुतोष अमन ने गेंदबाजी में 44 साल पुराने रिकॉर्ड को तोड़ दिया. आशुतोष आठ मैचों में 68 विकेट लेकर एक सीजन में सबसे अधिक शिकार करने वाले गेंदबाज बन गए हैं.
बिहार के इस फिरकी गेंदबाज ने पूर्व दिग्गज स्पिन गेंदबाज बिशन सिंह बेदी के साल 1974-75 में एक सीजन में कुल 64 विकेट लेने के रिकॉर्ड को तोड़ा है. इतना ही नहीं आशुतोष अमन बिहार की छह मैचों में मिली जीत में से पांच में मैन ऑफ द मैच चुने गए.
आपको बता दें कि घरेलू क्रिकेट में बिहार क्रिकेट टीम की वापसी अबतक धमाकेदार रही है. रणजी ट्रॉफी 2018-19 के सीजन में बिहार की टीम अबतक कुल आठ मैच खेली है जिसमें से उसे छह में जीत और एक में हार का सामना करना पड़ा है. इस तरह प्लेट ग्रुप में उत्तराखंड के बाद पॉइंट्स टेबल में बिहार दूसरे स्थान पर मौजूद है.
आशुतोष अमन ने बिहार के आठवें मैच में मणिपुर के खिलाफ पटना में खेले गए मुकाबले में कुल 11 विकेट लिए. ये रोमांचक मैच बिहार ने 3 विकेट से जीता. इस जीत के साथ ही बिहार की टीम ने छह महत्वपूर्ण अंक भी अर्जित किए.
इससे पहले टॉस हारकर पहले बल्लेबाजी करने उतरी मणिपुर की टीम की पहली पारी महज 156 रनों पर सिमट गई. मणिपुर के इस स्कोर के जवाब में बिहार की टीम ने 257 रन बनाकर 101 रनों की बढ़त हासिल की.
वहीं मणिपुर के दूसरी पारी में 238 रन पर आउट होने के बाद बिहार को जीत के लिये 138 रन का लक्ष्य मिला जिसे उसने लगातार अंतराल पर विकेट खोने के बावजूद ओपनर बल्लेबाज मंगल महरोर (53) के अर्द्धशतक से 25.1 ओवर में सात विकेट पर 140 रन बनाकर हासिल कर लिया.
इससे पहले आशुतोष अमन के सात विकेट और एस कादरी के तीन विकेट से मणिपुर को 238 रन पर समेट दिया था जिसने सुबह सात विकेट पर 217 रन से आगे खेलना शुरू किया था. हालांकि कप्तान यशपाल सिंह अपना शतक पूरा करने में सफल रहे जो कल 84 रन बनाकर खेल रहे थे. उन्होंने 166 गेंद में 12 चौके से 105 रन बनाये.
गया के डेल्हा के रहने वाले आशुतोष ने सेना में नौकरी से पहले क्लबों के लिए क्रिकेट खेलते थे. सेना में कार्य करते हुए आशुतोष ने सर्विसेज की ओर से चार वन डे मैचों में भाग लिया और जब बिहार में 18 सालों के बाद क्रिकेट की वापसी हुई तो अपने राज्य के लिए खेलने का निर्णय लिया.