विदर्भ के लेफ्ट आर्म स्पिनर आदित्य सर्वटे की घातक गेंदबाज़ी से सौराष्ट्र की टीम फाइनल में आकर हार का चक्रव्यूह नहीं तोड़ सकी. विदर्भ ने नागुपर में खेले गए रणजी ट्रॉफी 2018/19 के फाइनल मुकाबले को 78 रनों से जीतकर लगातार दूसरी बार इस खिताब पर कब्ज़ा जमाकर इतिहास रच दिया है. इस जीत में विदर्भ के सबसे बड़े हीरो रहे आदित्य जिन्होंने इस मुकाबले में 11 विकेट चटकाकर सौराष्ट्र की टीम के सपने को तोड़ दिया.


इस मुकाबले में विदर्भ की टीम ने पहले बल्लेबाज़ी करते हुए 312 रन बनाए. जिसके बाद मुश्किल हालात से निकलते हुए सौराष्ट्र ने 307 रन बनाकर मैच में अपनी वापसी की. जबकि सौराष्ट्र ने दूसरी पारी में गेंदबाज़ी में भी कमाल दिखाया और विदर्भ को 200 रनों पर समेट दिया.


अब सौराष्ट्र को खिताब जीतने के लिए महज़ 206 रनों की दरकार थी लेकिन उनकी टीम आदित्य के स्पिन जाल में ऐसा फंसे कि फिर आखिरी पारी में उबर ही नहीं सके. पूरी की पूरी सौराष्ट्र की टीम 127 रनों पर ढेर हो गई.


चौथे दिन का खेल खत्म होने तक ही आदित्य ने सौराष्ट्र को 57/5 कर मुश्किल में फंसा दिया था. जिसके बाद आज मैच के आखिरी दिन उन्होंने और वखारे ने सौराष्ट्र को ज्यादा आगे नहीं जाने दिया और 127 रनों पर समेट अपनी जीत पक्की की.


मैच के हीरो सर्वटे ने दूसरी पारी में 59 रन देकर 6 विकेट अपने नाम किए. उन्होंने पहली पारी में भी 98 रन देकर विरोधी टीम के 5 विकेट चटकाए थे. सौराष्ट्र की टीम के लिए ये हार इसलिए भी बड़ी है क्योंकि उनकी टीम में टीम इंडिया के दिग्गज टेस्ट बल्लेबाज़ चेतेश्वर पुजारा भी थे. लेकिन दूसरी पारी में तो पुजारा खाता भी नहीं खोल सके. सौराष्ट्र के लिए 20 साल के विस्वराज जडेजा ने सबसे अधिक 52 रन बनाए. जिन्हें बाद में सर्वटे ने अपना शिकार बनाया.


इसके साथ ही विदर्भ टीम के कप्तान फैज़ फज़ल रणजी ट्रॉफी इतिहास में लगातार दो बार खिताब जीतने वाले 11वें कप्तान बन गए हैं.