(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
World Cup 2023: विश्व कप से पहले रवि शास्त्री ने टीम इंडिया को दिया जीत का मंत्र, बोले- रोहित-गिल न करें ओपनिंग
Ravi Shastri: रवि शास्त्री ने World Cup 2023 से पहले टीम इंडिया को सलाह देते हुए बताया कि क्यों उन्हें रोहित शर्मा और शुभमन गिल की ओपनिंग जोड़ी के साथ नहीं जाना चाहिए.
Ravi Shastri's Advice For Indian Team: भारत में खेले जाने वाले वनडे वर्ल्ड कप 2023 को लेकर फैंस के अंदर उत्साह बढ़ता जा रहा है. टूर्नामेंट की शरुआत 5 अक्टूबर से होगी. टीम इंडिया ने आखिरी बार 2011 में एसएस धोनी की कप्तानी में वनडे वर्ल्ड कप जीता था. वहीं, पूर्व भारतीय हेड कोच रवि शास्त्री ने बताया कि इस बार भारतीय टीम को विश्व कप में रोहित शर्मा और शुभमन गिल की ओपनिंग के साथ नहीं जाना चाहिए.
केएल राहुल के बाद इंडिया वनडे में लगातार कप्तान रोहित शर्मा और स्टार बल्लेबाज़ शुभमन गिल की ओपनिंग के साथ दिखाई दे रही है. लेकिन रवि शास्त्री को ऐसा लगता है कि विश्व कप में टीम इंडिया को इस सलामी जोड़ी के साथ नहीं जाना चाहिए क्योंकि दोनों में कोई लेफ्ट हैंडर नहीं है.
पूर्व कोच ने ‘The Week’ को दिए एक इंटरव्यू में टीम इंडिया को सलाह दी. दिग्गज शास्त्री ने कहा, “नहीं, ये चुनौतीपूर्ण होगा. आपको इवेंट को गहराई से देखना होगा. फॉर्म फिर से महत्वपूर्ण हो जाता है. आपको सही संतुलन बनाने की जरूरत है. क्या आपको लगता है कि बाएं हाथ का बल्लेबाज टॉप ऑर्डर में अंतर पैदा करेगा? यह ओपनिंग नहीं होनी चाहिए, बल्कि शीर्ष तीन या चार में होनी चाहिए. आपको उन सभी विकल्पों को तौलना होगा. आदर्श रूप से, मैं टॉप-6 में दो बाएं हाथ के बल्लेबाज़ देखना चाहूंगा.”
रवि शास्त्री ने आगे बताया कैसे लेफ्ट हैंडर टीमों के लिए उपयोगी साबित हुए हैं. पूर्व भारतीय हेड कोच ने आगे कहा, “जब भी आपने अच्छा किया है (बाएं हाथ के बल्लेबाज़ों ने योगदान दिया है.) 2011 में, आपके पास गौतम गंभीर, युवराज सिंह और सुरेश रैना थे. 1974 मे वापस जाइए... एल्विन कालीचरण, रॉय फ्रेडरिक, क्लाइव लॉयड.... 1979 में भी सेम. 1983 की टीम एकमात्र ऐसी टीम थी जिसमें बाएं हाथ का बल्लेबाज नहीं था, लेकिन वह पूरा टूर्नामेंट सभी बाधाओं के खिलाफ था.”
रवि शास्त्री ने आगे कहा, “1987 में, ऑस्ट्रेलिया के पास पर्याप्त थे ... उनके पास टॉप में एलन बॉर्डर थे, निचले क्रम में दो या तीन और थे. 1996 में श्रीलंका ने सनथ जयसूर्या, अर्जुन रणतुंगा, असांका गुरुसिन्हा के साथ इसे फिर से साबित किया था. और फिर ऑस्ट्रेलिया, गिलक्रिस्ट और हेडन के साथ. इंग्लैंड के पास अब यह है. वह मिश्रण और संतुलन बनाना होगा.”
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