भारतीय क्रिकेट टीम के कोच रवि शास्त्री के लिए 1984-85 का वर्ल्ड चैंपियनशिप क्रिकेट टूर्नामेंट उनके करियर का सबसे यादगार पल था. उस चैंपियनशिप में शास्त्री के ऑलराउंड प्रदर्शन से भारत ने खिताब जीता था और शास्त्री को ईनाम में मिली थी एक महंगी और शानदार ऑडी कार. शास्त्री ने बताया है कि फाइनल मैच के दौरान कार को लेकर उनके और पाकिस्तानी कप्तान जावेद मियांदाद के बीच काफी मजाक चल रहा था.
ऑस्ट्रेलिया में हुई बेंसन और हेजेस चैंपियनशिप के फाइनल में भारत और पाकिस्तान का मुकाबला हुआ था. दोनों देशों के बीच होने वाले मुकाबले में अक्सर खिलाड़ियों के बीच तकरार और नोंक-झोंक दिखती रही है. उस फाइनल के दौरान भी ऐसा ही हुआ था.
शास्त्री ने बताया कि पाकिस्तान कप्तान मियांदाद फाइनल में उनका ध्यान बंटाने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन मियांदाद के पास कार जीतने का कोई चांस नहीं था. शास्त्री ने ‘सोनी टेन पिटस्टॉप’ शो में बात करते हुए कहा, “उनके पास ऑडी जीतने का कोई चांस ही नहीं था. लेकिन वो फिर भी मुझे छेड़ने की कोशिश कर रहा था ताकि मेरा ध्यान भटके. जब हम एक दूसरे के खिलाफ खेले, तो मेरे और जावेद के बीच लगातार बात होती रहती थी. लगातार एक दूसरे को छेड़ने की कोशिश होती थी.”
नजर सिर्फ कार पर थी
शास्त्री ने कहा कि वो मियांदाद आपका ध्यान भटकाने के लिए कुछ भी करने को तैयार रहते थे, लेकिन उनका ध्यान कार पर था. शास्त्री ने मियांदाद की तारीफ करते हुए कहा, “वो एक महान खिलाड़ी थे और एक शानदार प्रतिद्वंद्वी भी थे. वो आपका ध्यान भटकाने के लिए किसी भी स्तर तक जा सकते थे. फाइनल में उनके पास कोई मौका नहीं था. मेरी नजर उस कार पर थी.”
उस सीरीज में शास्त्री ने शानदार प्रदर्शन किया था. दाएं हाथ के बल्लेबाज और बाएं हाथ से स्पिन गेंदबाजी करने वाले शास्त्री ने उस सीरीज में 3 अर्धशतक जड़े थे जबकि 8 विकेट भी झटके थे. इस प्रदर्शन के कारण उन्हें ‘प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट’ घोषित किया गया था और ईनाम में ऑडी कार मिली थी.
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