IND vs AUS Test: घातक गेंदबाज़ी से ‘प्लेयर ऑफ द सीरीज़’ बने अश्विन-जडेजा, जानिए खिताब मिलने के बाद क्या बोले?
R Ashwin and Ravindra Jadeja: भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच खेली गई चार टेस्ट मैचों की सीरीज़ में आर अश्विन और रवींद्र जडेजा को शानदार गेंदबाज़ी के लिए 'प्लेयर ऑफ द सीरीज़' से नवाज़ा गया.

R Ashwin and Ravindra Jadeja Statement: बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी का चौथा और आखिरी मैच अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम में खेला गया. इस यह मैच ड्रॉ पर खत्म हुआ. सीरीज़ के बाकी तीनों मैचों के मुकाबले इस मैच में दोनों ही टीमों की ओर से शानदार बल्लेबाज़ी देखने को मिली. शुरुआती तीन मैचों में गेंदबाज़ों का दबदबा कायम रहा. इसमें भारतीय स्पिनर आर अश्विन और रवींद्र जडेजा ने घातक गेंदबाज़ी की. अश्विन ने सीरीज़ में सबसे ज़्यादा 25 विकेट चटकाए, जबकि जडेडा 22 विकेट के साथ दूसरे नंबर पर रहे. दोनों के प्रदर्शन को देख उन्हें ‘प्लेयर ऑफ द सीरीज़’ चुना गया. आइए जानते हैं कि इस अवॉर्ड पर क्या बोले दोनों गेंदबाज़?
‘कड़ी मेहनत करूंगा’
जडेजा मैच ने बात करते हुए कहा, “उनके (अश्विन) साथ गेंदबाज़ी कराना अच्छा लगता है. वो इंफॉर्मेशन पास करते रहे हैं. क्या फील्ड होनी चाहिए, किसी एक गेंदबाज़ को कैसे गेंदबाज़ी करनी है. इस सीरीज़ में मैं अपनी बल्लेबाज़ी से खुश हूं. मैंने कई चीज़ें मिस की हैं. मैं कड़ी मेहनत करूंगा और अपनी बल्लेबाजी पर ध्यान दूंगा. वह हर चीज से ज़्यादा है. उनके पास अच्छा क्रिकेटिंग दिमाग है. वह दुनिया की हर टीम को जानते हैं.”
एक दूसरे बिना हम घातक नहीं
भारतीय स्पिनर आर अश्विन ने मैच के बाद बात करते हुए कहा, “यह एक शानदार सफर रहा है. हमने (खुद और जडेजा) काफी समय पहले शुरुआत की थी लेकिन हम दूसरे के बिना वैसे या घातक नहीं होते. हमें यह पहचानने की जरूरत है कि कम से कम मैंने पिछले 2-3 वर्षों में इसे पहचानना शुरू कर दिया है. वह मुझे गेंद के साथ रचनात्मक होने की बहुत स्वतंत्रता देता है, उसे श्रेय जाता है. मुझे लगा कि उन्होंने दिल्ली टेस्ट में भी खूबसूरती से गेंदबाजी की और इसलिए हम आज यहां हैं. जड्डू इसे वाकई में आसान रखता है, वह चारों ओर परेशान नहीं होता है या इस बात से परेशान नहीं होता कि क्या हुआ है, लेकिन मैंने उसे बाहर निकलने के बाद एक घंटे तक जगह पर बैठे देखा, जिससे मुझे पता चला कि वह कितना निराश था और यह आज सामने आया.”
अश्विन ने आगे कहा, “पिछले 2-3 सालों में बातचीत बहुत अधिक हुई है, क्योंकि मुझे पता है कि कैसे बात करना है और उसकी पसंद, उसकी नापसंद और यहां तक कि यह जानना कि क्या उसकी मदद करेगा. यहां तक कि उन्होंने भी बदलाव के लिए खूबसूरती से खुद को ढाल लिया है. सीरीज के दौरान जब हेड खेल रहे थे, ख्वाजा खेल रहे थे, हमने काफी अच्छी बातचीत की और उनमें से कुछ विकेट लेकर गए और उनमें से कुछ बातें काफी मजाकिया हैं.”
ये भी पढ़ें...
ट्रेंडिंग न्यूज
टॉप हेडलाइंस

