Kapil Dev: 'केल की दुकान लगाओ, जाकर अंडे बेचो', कपिल देव ने क्रिकेटर्स पर क्यों मारा था ऐसा ताना
Kapil Dev Contoversial Remark: कपिल देव ने हाल ही में कहा था कि अगर खिलाड़ियों को अगर देश के लिए खेलना एक तरह का वर्कलोड लगता है तो उन्हें केले या अंडे की दुकान लगा लेनी चाहिए.
Kapil Dev on Indian Players: हाल ही में कपिल देव (Kapil Dev) ने भारतीय खिलाड़ियों को अंडे बेचने और केले की दुकान लगाने की सलाह दी थी. उन्होंने यह बात इसलिए कही थी क्योंकि पिछले कुछ समय से अक्सर खिलाड़ियों के मुंह से वर्कलोड होने और मानसिक दबाव होने की बातें सामने आ रही थीं.
कपिल देव पहले भी खिलाड़ियों के वर्कलोड और प्रेशर वाली बातों का मजाक बना चुके हैं. एक कार्यक्रम में जब फिर से इस मामले पर बातचीत हुई तो उन्होंने ऐसा बयान दिया जो पिछले दो-तीन दिनों से सोशल मीडिया पर छाया हुआ है. क्रिकेट फैंस अभी तक कपिल देव के इस बयान के पक्ष और विपक्ष में अपनी राय रख रहे हैं.
क्या बोले थे कपिल देव?
1983 के वर्ल्ड कप विजेता कप्तान कपिल देव ने कोलकाता में हुए एक प्रोग्राम में कहा था, 'IPL खेलते हैं और कहते हैं बहुत प्रेशर है. ये वर्ड बहुत कॉमन हो गया है. हम कहते हैं मत खेलो. तुम्हें खेलने के लिए कौन कह रहा है. यहां प्रेशर है तो इज्जत भी है और गालियां भी. अगर आप गालियों से डरते हैं तो मत खेलो. आप देश का प्रतिनिधित्व कर रहे हो. 100 करोड़ लोगों में से आप 20 लोगों को यह मौका मिला है. यह तो बड़ी इज्जत मिलने वाली बात है'
कपिल देव ने इसके आगे कहा था, 'आपको यह बोलना चाहिए कि ये तो बहुत गर्व करने वाली बात है कि इतने लोगों में मुझे भारत के लिए खेलने का मौका मिला. आपको कहना चाहिए कि बहुत प्यार मिल रहा है. अपने आप में भी गौरवान्वित होना चाहिए कि मैं देश के लिए खेल रहा हूं. ये जो प्रेशर वाला शब्द है, ये अमेरिकन है. आपको काम नहीं करना है तो मत करो. किसी ने फोर्स नहीं किया है. जाकर केले की शॉप लगाओ या अंडे बेचो'
विराट भी कह चुके हैं मानसिक दबाव वाली बात
पिछले कुछ समय से भारतीय खिलाड़ियों को लगातार ब्रेक दिया जा रहा है. इसके पीछे बड़ा कारण यह बताया जाता है कि लगातार सीरीज होने के कारण खिलाड़ियों पर वर्कलोड बहुत ज्यादा होता है. ऐसे में उन्हें रेस्ट दिए जाने की जरूरत है. कुछ सीनियर खिलाड़ी खुद टीम प्रबंधन से वर्कलोड होने की बात कह चुके हैं. विराट कोहली ने भी एक इंटरव्यू में कहा था कि एक समय वह मानसिक तनाव की स्थिति से गुजर रहे थे.
कपिल देन ने क्यों मारा ताना?
अन्य भारतीय खिलाड़ी भी लगातार क्रिकेट खेलने के इच्छुक नहीं हैं. इसलिए हार्दिक पांड्या हो या केएल राहुल तमाम खिलाड़ियों को नियमित तौर पर ब्रेक देने का सिलसिला चलता आ रहा है. टीम के परफॉर्मेंस पर इसका अब तक अच्छा असर देखने को नहीं मिला है क्योंकि टीम इंडिया हाल ही में एशिया कप और टी20 वर्ल्ड कप में बुरी तरह फ्लॉप रही है. इसके अलावा IPL के दौरान सभी भारतीय खिलाड़ी वर्कलोड और दबाव जैसे बयान नहीं देते हैं और लगभग सभी मैच खेलते हैं. यही कारण है कि कपिल देव भारतीय खिलाड़ियों के 'वर्कलोड' और 'प्रेशर' जैसे शब्दों से चिढ़ रहे हैं.
वैसे, सही भी है वर्कलोड वाली बात
हालांकि, जिस तरह से लगातार क्रिकेट खेला जा रहा है ऐसे में एक खिलाड़ी के लिए यह बेहद मुश्किल है कि वह तीनों फॉर्मेट में लगातार सीरीज खेल सके. ऐसे में BCCI की रोटेशन पॉलिसी यहां सटीक बैठती है. इसका एक फायदा यह भी है कि ज्यादा से ज्यादा खिलाड़ियों को इंटरनेशनल क्रिकेट खेलने का मौका मिलता है और टीम की बेंच स्ट्रेंथ भी मजबूत होती है.
यह भी पढ़ें...
IPL Mini Auction 2023: लखनऊ सुपर जायंट्स को एक अच्छे ऑलराउंडर की जरूरत, टारगेट पर होंगे ये खिलाड़ी