Form Cheating To Art Reverse Swing History: रिवर्स स्विंग (Reverse Swing) क्रिकेट में बॉलिंग की एक खास तकनीक है. इस तकनीक की मदद से गेंदबाज पुरानी गेंद के साथ स्विंग हासिल करते हैं, जो बल्लेबाजों के लिए बड़ी मुश्किल बन जाती है. आखिरी के ओवर में किसी भी टीम के बल्लेबाज तेजी से रन बनाने का प्रयास करते हैं, लेकिन इसी दौरान पुरानी गेंद रिवर्स स्विंग होने लगती है, जो मुश्किलें पैदा करती है. रिवर्स स्विंग को एक आर्ट भी कहा जाता है, लेकिन शुरुआत में इसे 'चीटिंग' कहा गया था. तो आइए समझते हैं रिवर्स स्विंग का पूरा इतिहास.
बता दें कि रिवर्स स्विंग तकरीबन 30 ओवर पुरानी हो चुकी गेंद से होना शुरू होती है. इसके लिए गेंद की एक साइड को खुरदरा रखा जाता है, जबकि दूसरी साइड को चिकना रखा जाता है. रिवर्स स्विंग के लिए गेंद को ज्यादा से ज्यादा आगे बल्लेबाज की तरफ फेंका जाता है.
किसने की थी रिवर्स स्विंग की खोज और किस पर लगा था चीटिंग का आरोप?
कहा जाता है कि रिवर्स स्विंग की खोज पाकिस्तान के पूर्व गेंदबाज मुदस्सर नजर ने की थी. मुदस्सर ने पाकिस्तान के लिए 1976 से 1989 के बीच अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट खेला. फिर इमरान खान, वसीम अकरम और वकार युनुस जैसे तमाम दिग्गजों ने इस कला को आगे बढ़ाया और धीरे-धीरे रिवर्स स्विंग का इस्तेमाल दुनियाभर में किया जाने लगा.
रिवर्स स्विंग की वजह से पाकिस्तान पर लगा था चीटिंग का आरोप
बात है 1992 की जब इंग्लैंड के खिलाड़ियों ने पाकिस्तान टीम पर रिवर्स स्विंग की वजह से बेईमानी का आरोप लगाया था. वसीम अकरम और वकार यूनुस जैसे गेंदबाजों ने रिवर्स स्विंग की मदद से इंग्लैंड की बखिया उधेड़ दी थी. अकरम ने कुछ वक्त पहले रिवर्स स्विंग को लेकर इंग्लिश टीम पर तंज कसा था.
उन्होंने कहा था कि अब इंग्लैंड के गेंदबाज भी रिवर्स स्विंग कराने लगे हैं, तो इस गेंदबाजी को कला का नाम दे दिया गया है. अकरम ने कहा, "इंग्लैंड की टीम को हमसे माफी मांगनी चाहिए. जब हमने 1992 में इंग्लैंड के खिलाफ रिवर्स स्विंग करानी शुरू की थी, तब इंग्लिश ने पूरी दुनिया में इसे एक बड़ा मुद्दा बना दिया था और इस तकनीक पर बेईमानी का आरोप लगाने की कोशिश की थी. अब जब इंग्लिश गेंदबाज भी रिवर्स स्विंग कराने लगे हैं, तो इसे कला का नाम दे दिया गया."
ये भी पढ़ें...