IND vs SA T20 Series: भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच 5 मैचों की टी-20 सीरीज (IND vs SA T20 Series) 9 जून से शुरू हो रही है. इस सीरीज के लिए दोनों टीमें अभ्यास में भी जुट चुकी हैं. इस सीरीज में बायो-बबल (Bio Bubble) का झंझट पूरी तरह से खत्म कर दिया गया है. खिलाड़ी इससे काफी आराम में हैं. टीम इंडिया के विकेटकीपर बल्लेबाज ऋषभ पंत (Rishabh Pant) ने उम्मीद जताई है कि आगे भी इस तरह के नियम नहीं होंगे. एक पॉडकास्ट शो में उन्होंने यह बात कही. इस शो में उन्होंने अपने विकेटकीपर (wicket keeper) बनने का कारण भी बताया है.
क्यों विकेटकीपर बने ऋषभ पंत?
एसजी क्रिकेट पॉडकास्ट पर बातचीत करते हुए ऋषभ पंत ने बताया उनके पिताजी विकटकीपर थे, इसलिए उन्होंने भी विकेटकीपिंग शुरू की. अपनी सबसे बड़ी ताकत के बारे में पूछे गए सवाल पर ऋषभ का यह बयान आया. ऋषभ ने कहा, 'जब भी मैं मैदान पर होता हूं तो मेरी कोशिश होती है कि मैं अपना 100% दूं. लेकिन मैं हमेशा से एक विकेटकीपर बल्लेबाज हूं क्योंकि मैंने बचपन से ही विकेटकीपिंग की है. मेरे पिताजी भी विकेटकीपर थे. इसलिए मैंने भी विकेटकीपिंग करना शुरू की थी.'
बायो-बबल खत्म होने पर क्या बोले पंत?
बायो-बबल खत्म होने पर पंत कहते हैं, 'बायो-बबल से बाहर आना वास्तव में बेहद संतोषजनक है. उम्मीद है अब कभी बायो-बबल जैसी चीज नहीं होगी. फिलहाल मैं इस वक्त को एंजॉय कर रहा हूं.' पंत कहते हैं, 'जब आप पूरे साल क्रिकेट खेलते रहते हैं, खासकर इस तरह के दबाव के साथ तो यह जरूरी हो जाता है कि आपका दिमाग शांत रहे. अगर आप अपने दिमाग को शांत नहीं रख पाते हैं तो आप अपना 100% नहीं दे पाएंगे. हमें अपने दिमाग पर लगातार काम करने की जरूरत है और उसे तरोताजा बनाए रखने की भी जरूरत है.'
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