उन्होंने लिखा, "इस खबर में भले ही कुछ ज्यादा क्यों न हो, लेकिन पेड़ों की कटाई काफी बुरी है. मुंबई का यह हिस्सा हरा-भरा रहता है और यहां के तापमान में भी हल्की सी गिरावट रहती है इसका कारण आरे कॉलोनी है. हम कैसे इसे छीन सकते हैं. साथ ही हजारों जानवरों के बारे में मत भूलिए, जिनके पास अब रहने को जगह नहीं होगी."
बॉम्बे उच्च न्यायालय ने चार अक्टूबर को महाराष्ट्र सरकार को पेड़ों को काटने की इजाजत दे दी थी. इसके बाद राज्य सरकार ने मेट्रो प्रोजेक्ट के लिए पेड़ों की कटाई शुरू की. सरकार की योजना तकरीबन 2,600 पेड़ काटने की थी. अब तक 400 से ज्यादा पेड़ काटे जा चुके हैं.
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को हालांकि आरे कॉलोनी में पेड़ों की कटाई पर रोक लगा दी और राज्य सरकार को आदेश दिया है कि वह 21 अक्टूबर को होने वाली मामले की अगली सुनावई तक यथावत स्थिति बनाए रखे. शीर्ष अदालत ने हालांकि राज्य सरकार के उस बयान को दर्ज कर लिया है, जिसमें उन्होंने कहा था कि अब आरे में पेड़ नहीं काटे जाएंगे.