इस विश्व कप में रोहित शर्मा कमाल की फॉर्म में हैं. उन्होंने विश्व कप का अपना चौथा शतक जड़ा. तमाम रिकॉर्ड्स अपने नाम किए. बांग्लादेश को हराकर भारतीय टीम जो सेमीफाइनल में पहुंची है उसमें बल्लेबाजी के लिहाज से वो सबसे बड़े हीरो हैं. ये अपने आप में एक बड़ी उपलब्धि है कि जिस टीम में दुनिया का नंबर एक बल्लेबाज विराट कोहली हो उस टीम में लगातार कोई दूसरा बल्लेबाज सुर्खियों में है.
ये भी संयोग ही है कि विराट कोहली एक के बाद एक अर्धशतक लगा रहे हैं और शतक से चूक रहे हैं और रोहित शर्मा एक के बाद एक जीवनदान पा रहे हैं और शतक लगा रहे हैं. अब तक रोहित शर्मा ने जो चार शतक लगाए हैं उन चारों पारियों में उन्हें जीवनदान बिल्कुल शुरू में मिला है. टीम इंडिया की बल्लेबाजी विश्वकप में रोहित शर्मा के इर्द-गिर्द ही चल रही है. ये बड़ी कामयाबी उन्होंने तब हासिल की है जब उनके नियमित जोड़ीदार शिखर धवन टीम से चोट की वजह से बाहर हो चुके हैं और उन्हें अपेक्षाकृत नए जोड़ीदार केएल राहुल के साथ पारी की शुरूआत करनी पड़ रही है.
मंगलवार को बांग्लादेश के खिलाफ मैच में अगर उनके रन हटा दिए जाएं तो टीम इंडिया निश्चित तौर पर मुश्किल में नजर आती है. मंगलवार को रोहित शर्मा की बल्लेबाजी का अंदाज भी अलग नजर आया. पिछले मैच में उन्होंने इंग्लैंड के खिलाफ भी शतक लगाया था लेकिन टीम इंडिया वो मैच हार गई थी. बांग्लादेश के खिलाफ रोहित शर्मा ने अपनी ‘स्टाइल’ में बदलाव किया.
बांग्लादेश के खिलाफ अलग अंदाज में की बल्लेबाजी
बांग्लादेश के खिलाफ मैच में रोहित शर्मा ने अपनी पारंपरिक पहचान से बिल्कुल अलग अंदाज में बल्लेबाजी की. उनके बारे में आम तौर पर कहा जाता है कि वो क्रीज पर आने के बाद निगाहें जमाने में थोड़ा वक्त लेते हैं और फिर बड़े बड़े शॉट्स लगाते हैं और रनों की रफ्तार बढ़ाते हैं. आकड़े भी यही कहते हैं कि इस मैच से पहले रोहित शर्मा का पहले दस ओवरों में स्ट्राइक रेट 68 का था. जो इस मैच में 131 तक पहुंच गया.
यानी रोहित शर्मा ने पहले दस ओवरों में अपने करियर रिकॉर्ड के मुकाबले लगभग दोगुनी रफ्तार से रन बनाया. टीम के सीनियर खिलाड़ी और उपकप्तान होने के नाते उन्होंने ये देख लिया था कि पारी के बीच के ओवरों में और अंत में टीम इंडिया अच्छी तरह फिनिश नहीं कर पा रही हैं. हर मैच में 15-20 रन कम बन रहे हैं. इसलिए इस बार उन्होंने शुरुआत से ही पांचवें गियर में बल्लेबाजी का फैसला किया. उन्होंने अपना अर्धशतक 45 गेंद में ही पूरा कर लिया था. उन्होंने अपना शतक भी 90 गेंदों में ही पूरा किया. अफसोस वो शतक लगाने के बाद जल्दी ही आउट हो गए. उनके आउट होने के बाद भारतीय मिडिल ऑर्डर एक बार फिर एक्सपोज हुआ. आखिरी पांच ओवर में भारतीय बल्लेबाज सिर्फ 35 रन बना पाए. जो स्कोरबोर्ड 350 के आस-पास होना चाहिए था वो सवा तीन सौ तक भी नहीं पहुंचा.
मील के कई पत्थर अब रोहित शर्मा के नाम
रोहित शर्मा ने अपने शतक में 7 छक्के लगाए. इसके साथ ही अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में सबसे ज्यादा छक्के लगाने वाले वो भारतीय बल्लेबाज बन गए. उन्होंने अब 230 छक्के लगा लिए हैं. इससे पहले 228 छक्के के साथ ये रिकॉर्ड महेंद्र सिंह धोनी के नाम था. एक ही विश्व कप में सबसे ज्यादा शतक लगाने के रिकॉर्ड में भी उन्होंने श्रीलंका के कुमार संगाकारा की बराबरी कर ली. संगाकारा ने 2015 विश्वकप में 4 शतक लगाए
भारतीय बल्लेबाज के तौर पर ये रिकॉर्ड अब तक सौरव गांगुली के नाम था जिन्होंने 2003 विश्व कप में 3 शतक लगाए थे. विश्व कप के इतिहास में सबसे ज्यादा 6 शतक का रिकॉर्ड सचिन तेंडुलकर के नाम है. उनके बाद 5-5 शतक रिकी पॉन्टिंग और कुमार संगाकारा ने लगाए हैं. अब इस लिस्ट में रोहित शर्मा का नाम भी जुड़ गया है क्योंकि 2015 विश्व कप में भी उन्होंने बांग्लादेश के खिलाफ शतक लगाया था. इस तरह उनके नाम भी 5 विश्व कप शतक हैं. अभी भारत को कम से कम दो मैच और खेलने हैं. एक श्रीलंका के खिलाफ और एक सेमीफाइनल, विश्व कप के इतिहास में सबसे ज्यादा शतक का रिकॉर्ड उनके रडार में है.