रोहित शर्मा: भारतीय क्रिकेट का वो 'हिटमैन' जिसकी किताब में दर्ज हैं दुनिया के सभी शॉट
रोहित शर्मा को आज भारतीय क्रिकेट टीम का हिटमैन कहा जाता है. ये क्रिकेटर वो सभी शॉट मार सकता है जो दूसरे बल्लेबाज नहीं मार सकते. रोहित ने जिस तरह से शुरूआत की थी और आज जो हमें रोहित शर्मा दिखते हैं उसमें जमीन आसमान का फर्क है. आज ओपनिंग मतलब रोहित शर्मा हैं.
'प्रतिभा' एक ऐसा शब्द जो रोहित शर्मा के साथ परछाई की तरह चलती रही. कई बार ऐसा हुआ जब इसने रोहित को डराया भी. लेकिन ये बल्लेबाज दिन ब दिन ऐसा प्रदर्शन करता गया जिससे इस खिलाड़ी के साथ ये शब्द हमेशा के लिए जुड़ गया. डोमेस्टिक क्रिकेट से ही रोहित शर्मा ने अपना नाम बनाना शुरू कर दिया था. फर्स्ट क्लास क्रिकेट में मुंबई के इस बल्लेबाज का एवरेज 50 के ऊपर था. लेकिन रोहित शर्मा लाइमलाइट में तब आए जब उन्होंने रणजी लेवल पर तीहरा शतक मारकर सबको चौंका दिया.
साल 2007 वर्ल्ड टी20, युवराज सिंह का बल्ला जमकर बोल रहा था. टी20 टूर्नामेंट में युवराज एक ही ओवर में 6 छक्के मारने वाले पहले बल्लेबाज बन गए थे. लेकिन अंत में चोटिल हो गए. इसके बाद उस खिलाड़ी को आखिरी वक्त में रिप्लेसमेंट के तौर पर टीम में शामिल किया गया जिसका नाम फैंस ने आज तक नहीं सुना था. जी हां हम बात कर रहे हैं रोहित शर्मा की. रोहित को इस दौरान दक्षिण अफ्रीका की मजबूत टीम के साथ मैच खेलना था. 20 साल के इस बल्लेबाज ने दक्षिण अफ्रीका के पॉलक, एनटिनी और मॉर्कल जैसे घातक गेंदबाजों के आगे अपना अर्धशतक पूरा किया और अंत तक टिके रहे. इसका नतीजा ये हुआ कि भारत ने दक्षिण अफ्रीका को उसी के घर में हराया और टीम को टूर्नामेंट से बाहर कर दिया.
शुरुआत
रोहित शर्मा का जन्म महाराष्ट्र के नागपुर ज़िले में हुआ. इसके बाद रोहित ने 1999 में एक क्रिकेट कैम्प खेल की शुरुआत की. उस समय के रोहित के कोच दिनेश लाड ने कहा था कि तुम अपने विद्यालय को बदल कर स्वामी विवेकानंद इंटरनेशनल स्कूल में आ जाओ क्योंकि लाड वहीं पर कोच के पद पर कार्यरत थे इस कारण रोहित को क्रिकेट खेलने में ज्यादा सुविधा मिल सके. रोहित ने अपने क्रिकेट कैरियर की शुरुआत एक ऑफ़ स्पिनर के तौर पर की थी लेकिन बाद में उन्ही कोच लाड ने शर्मा को सलाह दी की उनमें एक बल्लेबाज की काबिलियत ज्यादा है इसलिए एक अच्छा बल्लेबाज बनने का प्रयास करें.
भारतीय टीम का रास्ता
रोहित को साल 2007 में भारतीय टीम की जर्सी वनडे फॉर्मेट में पहली बार मिली. रोहित आयरलैंड के खिलाफ अपना पहला मैच खेला लेकिन उस मैच में उनकी बल्लेबाज़ी नहीं आ सकी. लेकिन उसके बाद अपने करियर की चौथी पारी में ही उन्होंने पाकिस्तान के खिलाफ अर्धशतक जमाकर अपनी पहचान बना ली.
इसके बाद वर्ल्ड टी20 में प्रदर्शन, रणजी ट्रॉफी का बेहतरीन रिकॉर्ड, सीबी सीरीज में ब्रेट ली और स्टुअर्ट क्लार्क जैसे बेहतरीन खिलाड़ियों से टक्कर लेना. श्रीलंका क्रिकेट के सामने दमदार प्रदर्शन करना. इन भी चीजों के देखते हुए सेलेक्टर्स ने उन्हें टीम में चुना. लेकिन लगातार विकेट गंवाने वाले रोहित टीम में अपनी पक्की जगह नहीं बना पाए. 22 का एवरेज रखने वाले रोहित लगातार फेल होते रहे जिसका नतीजा ये हुआ कि उन्हें साल 2011 वर्ल्ड कप टीम में जगह नहीं मिली.
ओपनिंग ने बदल दी रोहित की किस्मत
2011 में रोहित शर्मा को भारतीय टीम के लिए पारी शुरु करने का मौका मिला. बस फिर क्या था रोहित ने मानो ठान लिया अब वनडे क्रिकेट में वो ही पारी का आगाज़ करेंगे. रोहित शर्मा ने बतौर ओपनर टीम इंडिया के लिए 105 मैचों में 55 के बेमिसाल औसत से 5098 रन बनाए हैं. जबकि वनडे क्रिकेट में उन्होंने अब तक कुल 8686 रन बनाए हैं. जिसमें 27 शतक और 42 अर्धशतक शामिल हैं. रोहित शर्मा भारत के लिए वनडे क्रिकेट में सातवें सबसे अधिक रन बनाने वाले बल्लेबाज़ भी हैं. मौजूदा भारतीय टीम में वो विराट कोहली के बाद दूसरे सबसे अधिक रन बनान वाले बल्लेबाज़ भी हैं. रोहित शर्मा मौजूदा टीम इंडिया उप-कप्तान हैं और बतौर कप्तान भी उन्होंने 10 मैचों में 543 रन बनाए हैं.
आईपीएल में कमाल:
भले ही विराट कोहली भारतीय टीम के कप्तान हों लेकिन रोहित शर्मा ने आईपीएल में अपनी कप्तानी का ऐला लोहा मनवाया है कि वो विराट से बहुत आगे हैं. इतना ही नहीं वो एमएस धोनी को पूरी तरह से टक्कर देते भी नज़र आते हैं.
रोहित शर्मा इंडियन प्रीमियर लीग में सफल खिलाड़ियों में से एक है. अब तक रोहित ने आईपीएल में एक शतक जमाया है. रोहित शर्मा ने आईपीएल के पहले सीज़न में डैक्कन चार्जर्स के लिए डेब्यू किया था. इसके बाद वो तीन सीज़न तक उनके लिए ही खेले. साल 2009 में वो इस चैम्पियन टीम का हिस्सा भी बने. लेकिन इसके बाद 2011 से रोहित शर्मा अपने घर यानि मुंबई इंडियंस में आ गए. लेकिन साल 2013 में उन्होंने पोंटिंग के जाने के बाद टीम की कप्तानी मिली और उन्होंने टीम को चैम्पियन बना दिया.
इसके बाद भी उनका जलवा कायम रहा और मौजूदा समय तक वो इस टीम की कप्तानी कर रहे हैं और 2013 के बाद 2015, 2017 फिर 2019 में भी उन्होंने टीम को चैम्पियन बनाया.
टेस्ट क्रिकेट में अब फिर से एक नई शुरुआत:
रोहित शर्मा जितने सफल वनडे और टी20 क्रिकेट में हुए हैं, उतने टेस्ट क्रिकेट में नहीं हो सके. टेस्ट में रोहित ने कुल 30 मैचों में 2114 रन बनाए हैं. लेकिन अब रोहित के पास वो मौका है जिसका उन्हें इंतज़ार था. 2 अक्टूबर से दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ शुरु हो रही सीरीज़ में रोहित टेस्ट में पारी की शुरुआत करने जा रहे हैं. उनके पास ये सुनहरा मौका है कि वो वनडे और टी20 की तरह ही टेस्ट में भी अपना लोहा मनवाए.
वर्ल्ड कप
दाएं हाथ का ये बल्लेबाज भारतीय टीम के लिमिटेड ओवर सेटअप के लिए काफी अहम हो गया. इस दौरान साल 2016 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ किया गया प्रदर्शन हमेशा याद किया जाएगा. वनडे में रोहित इकलौते ऐसे बल्लेबाज हैं जिन्होंने तीन दोहरे शतक जड़े हैं. रोहित शर्मा ने साल 2019 वर्ल्ड कप में पूरी दुनिया को दिखा दिया कि क्यों वो भारतीय टीम के सबसे दमदार ओपनर हैं जो अभी और कमाल करने के लिए उत्सुक हैं.
रोहित ने साल 2019 वर्ल्ड कप में कुल 9 मैच खेले. इस दौरान उन्होंने रिकॉर्ड 648 रन बनाए. रोहित का सबसे बड़ा स्कोर 140 ता तो वहीं उनका एवरेज 81 का. रोहित ने इस दौरान 5 शतक और 1 अर्धशतक जड़ा. वहीं साल 2015 वर्ल्ड कप में रोहित ने 8 इनिंग्स में कुल 330 रन बनाए थे इसमें 2 अर्धशतक और एक शतक शामिल था. इस दौरान उनका एवरेज 47.14 का था. साल 2015 और 2019 वर्ल्ड कप को देखते हुए ये कहा जा सकता है कि भारत के पास इकलौता ऐसा खिलाड़ी है जो टीम को आईसीसी ट्रॉफी दिला सकता है.