Rohit Sharma Story Borivali To Barbados: रोहित शर्मा (Rohit Sharma) की कप्तानी में टीम इंडिया ने इतिहास रचते हुए 2024 टी20 वर्ल्ड कप का खिताब जीता. बारबाडोस की सरज़मीं पर टीम इंडिया ने फाइनल में दक्षिण अफ्रीका को हराकर ट्रॉफी अपने नाम की थी. इस टी20 वर्ल्ड कप के साथ रोहित शर्मा भारत को आईसीसी ट्रॉफी जिताने वाले तीसरे कप्तान बन गए. रोहित के लिए मुंबई के बोरीवली से निकलकर बारबाडोस में टी20 वर्ल्ड कप जीतने तक का सफर बिल्कुल भी आसान नहीं था. तो आइए जानते हैं रोहित शर्मा की दिल छू लेने वाली कहानी. 


बचपन में ही हुआ पुलिस का सामना


भारत के लिए खेलने वाले ज़्यादातर क्रिकेटर्स की शुरुआत गली क्रिकेट से होती है, वैसे ही रोहित शर्मा ने भी किया. बचपन में गली क्रिकेट खेलते हुए उन्होंने कई घरों के कांच तोड़े. रोहित के क्रिकेट से परेशान लोगों ने उनके क्रिकेट को रोकने के लिए पुलिस भी बुलवा ली थी. हालांकि फिर भी रोहित शर्मा ने क्रिकेट नहीं छोड़ा. 


अंकल और कोच ने की मदद


रोहित शर्मा एक साधारण परिवार से थे. ऐसे में उनके पास क्रिकेट पर खर्च करने के लिए ज़्यादा पैसे भी नहीं थे. सबसे पहले रोहित के अंकल ने उनके अंदर क्रिकेट का जुनून देखा और फिर क्रिकेट अकेडमी में उनका एडमीशन करवा दिया. रोहित शर्मा ने स्पिनर के रूप में शुरुआत की और वह निचले क्रम में बल्लेबाज़ी करते थे, लेकिन कोच दिनेश लाड को लगता था कि उन्हें ओपनिंग करनी चाहिए. इसके बाद कोच ने रोहित को स्कूल बदलने की सलाह दी ताकि उन्हें क्रिकेट की अच्छी फैसिलिटी मिल सके. 


रोहित का साधारण परिवार उनके स्कूल बदलने के खर्चे को नहीं उठा सकता था. फिर कोच दिनेश लाड ने रोहित को स्वामी विवेकानन्द इंटरनेशनल स्कूल में रोहित को स्कॉलरशिप दिलवा दी. 


बल्ला टूटने का था, नहीं खेलते थे बड़े शॉट्स 


जिस रोहित शर्मा को आज आप लंबे-लंबे छक्के लगाते देखते हैं, वह एक वक़्त पर इस डर से बड़े शॉट्स नहीं खेलते थे कि उनका बल्ला टूट जाएगा और फिर वह नया बल्ला नहीं खरीद पाएंगे. 


2006 में खुला किस्मत का ताला


लगातार मेहनत करने वाले रोहित शर्मा को 2006 में इंडिया-ए के लिए चुना गया और फिर अगले साल ही उन्हें सीनियर टीम में शामिल कर लिया गया. 2007 टी20 वर्ल्ड कप में रोहित ने अंतर्राष्ट्रीय डेब्यू किया. इस विश्व कप में रोहित शर्मा ने अच्छा प्रदर्शन किया. टीम इंडिया ने 2007 का टी20 वर्ल्ड कप अपने नाम किया और अंतर्राष्ट्रीय करियर के पहले ही साल में रोहित शर्मा वर्ल्ड कप विजेता बन गए. 


2011 के वर्ल्ड कप में नहीं मिला मौका


रोहित शर्मा के लिए 2007 के बाद कुछ खराब वक़्त भी आया और उनका टीम में अंदर-बाहर होना शुरू हो गया. उन्हें 2011 वनडे वर्ल्ड कप के लिए नहीं चुना गया. फिर 2012 में रोहित शर्मा की टीम इंडिया वापसी हुई और इस बार सचिन तेंदुलकर से उन्हें सपोर्ट मिला. दिग्गज तेंदुलकर ने रोहित के लिए कहा कि यह एक दिन मेरा रिकॉर्ड भी तोड़ देगा. 


धवन के साथ ओपनिंग में किया कमाल, कमाल रहा 2013 का साल


2013 में रोहित शर्मा और शिखर धवन की नई ओपनिंग जोड़ी टीम इंडिया के लिए बहुत फायदेमंद साबित हुई. ओपनिंग पर जगह पक्की करने के बाद रोहित शर्मा ने पीछे मुड़कर नहीं देखा. इसी साल ओपनिंग करते हुए रोहित ने 27 वनडे पारियों में 1196 रन बनाए. इसी साल मुंबई इंडियंस ने रोहित शर्मा को कप्तानी सौंप दी. इसी सीज़न रोहित शर्मा की कप्तानी में मुंबई ने पहला आईपीएल खिताब जीता. इसी साल के नवंबर में रोहित शर्मा का टेस्ट डेब्यू हुआ. टेस्ट डेब्यू पर उनके पिता बहुत खुश हुए क्योंकि यह रोहित के पिता का पसंदीदा फॉर्मेट है. टेस्ट डेब्यू में ही रोहित ने शतक जड़ दिया. 


2014 में बनाया वर्ल्ड रिकॉर्ड 


फिर अगले साल यानी 2014 में रोहित शर्मा ने वनडे में 264 रनों की पारी खेलकर वर्ल्ड रिकॉर्ड बना दिया. यह वनडे क्रिकेट में किसी भी बल्लेबाज़ का सर्वाधिक स्कोर है. इस रिकॉर्ड को अब तक कोई नहीं तोड़ पाया. रोहित ने यह पारी श्रीलंका के खिलाफ खेली. इसके अलावा हिटमैन के नाम वनडे क्रिकेट में 3 दोहरे शतक लगाने का रिकॉर्ड भी दर्ज है. 


टीम इंडिया के बने कप्तान


ऐसे ही रोहित शर्मा का ग्राफ चढ़ता रहा और तीनों फॉर्मेट के शानदार प्रदर्शन ने उन्हें कप्तान भी बना दिया. रोहित की कप्तानी में टीम इंडिया ने 2022 टी20 वर्ल्ड कप का सेमीफाइनल, 2023 वर्ल्ड टेस्ट चैंपियशिप का फाइनल और 2023 वनडे वर्ल्ड कप का फाइनल गंवाया. फिर रोहित शर्मा और टीम इंडिया झोली में खुशियां आईं. रोहित शर्मा की कप्तानी टीम इंडिया ने 2024 टी20 वर्ल्ड कप का खिताब जीतकर इतिहास रच दिया. 


 


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