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विश्व कप से ही दिखने लगी थी रोहित शर्मा की टेस्ट करियर चमकाने की तैयारी
रोहित शर्मा एक के बाद एक लगातार कमाल कर रहे हैं. पिछले करीब चार महीने में उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में आठ शतक जड़ दिए हैं. इस सफलता की एक बड़ी वजह बता रहे हैं वरिष्ठ खेल पत्रकार शिवेंद्र कुमार सिंह
5 जून 2019 की बात है. भारतीय टीम विश्वकप में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ अपना मैच खेलने जा रही थी. मुकाबला साउथैम्पटन में था. दक्षिण अफ्रीका ने पहले बल्लेबाजी करते हुए भारत के सामने 228 रनों का लक्ष्य रखा. जवाब में रोहित शर्मा के शतक की बदौलत भारत ने जीत हासिल की. ये 2019 विश्वकप में रोहित का पहला शतक था. इस शतक में उन्होंने अपेक्षाकृत धीमी बल्लेबाजी की थी. उन्होंने 70 गेंद पर अर्धशतक पूरा किया था और 128 गेंदों पर शतक. इसके बाद उन्होंने विश्व कप के दौरान ही पाकिस्तान, इंग्लैंड, बांग्लादेश और श्रीलंका के खिलाफ भी शतक लगाए. रोहित शर्मा ने पाकिस्तान के खिलाफ 85 गेंद पर शतक लगाया था. इंग्लैंड के खिलाफ 106 गेंद पर शतक लगाया था. जिसमें पहले 50 रन उन्होंने 65 गेंद पर बनाए. बांग्लादेश के खिलाफ शतक लगाने के लिए रोहित शर्मा ने 90 गेंद खेली. श्रीलंका के खिलाफ उन्होंने 92 गेंद पर शतक लगाया था. यहां हम रोहित शर्मा के शतक के लिए खेली गई गेंदों का जिक्र इसलिए कर रहे हैं क्योंकि सभी शतकों में एक बात ‘कॉमन’ थी वो थी उनकी धीमी और धैर्य के साथ की गई शुरूआत. रोहित शर्मा ने किसी भी मैच में आते ही धमाका करना नहीं शुरू किया. उनका यही धैर्य आज उनके काम आ रहा है.
गावस्कर की थ्योरी पर खरे उतरे रोहित शर्मा
पूर्व कप्तान और दिग्गज सलामी बल्लेबाज सुनील गावस्कर अक्सर कहते हैं कि टेस्ट मैच में पहले आधे घंटे चालीस मिनट गेंदबाजों को सम्मान देना चाहिए. उसके बाद पूरे तीन सेशन का खेल बल्लेबाज का होता है. जिस सलामी बल्लेबाज ने इस रणनीति के साथ बल्लेबाजी की उसका कामयाब होना तय है. रोहित शर्मा आजकल इसी थ्योरी पर बल्लेबाजी कर रहे हैं. विशाखापत्तनम में खेले गए पहले टेस्ट मैच की दोनों पारियों में शुरूआत में उनकी बल्लेबाजी का अंदाज देखिए और फिर पहले 8-10 ओवर के बाद का. रांची में भी उन्होंने ऐसा ही किया. पहले और दूसरे दिन की शुरूआत में वो संभलकर खेले और उसके बाद उन्होंने जमकर आक्रमण किया. इस बात का अंदाजा आप इससे लगा सकते हैं कि उन्होंने अपना दोहरा शतक 83 से ज्यादा की स्ट्राइक रेट से पूरा किया. इसमें 28 चौके और 6 छक्के हैं. पूरी सीरीज में अब तक वो 19 छक्के लगा चुके हैं. जो एक विश्व रिकॉर्ड है. इससे पहले एक सीरीज में सबसे ज्यादा 15 छक्के लगाने का रिकॉर्ड वेस्टइंडीज के शिमरॉन हेटमेयर के नाम था जो उन्होंने बांग्लादेश के खिलाफ लगाया था. भारत की तरफ से एक सीरीज में सबसे ज्यादा छक्के का रिकॉर्ड हरभजन सिंह के नाम था. रोहित शर्मा ने इस सीरीज में अपने छक्कों का भी अर्धशतक पूरा कर लिया है.
ये दोहरा शतक और ज्यादा खास किसलिए हैं
रोहित शर्मा का ये दोहरा शतक इसलिए और ज्यादा खास है क्योंकि ये दोहरा शतक उन्होंने बहुत मुश्किल परिस्थितियों में बनाया. रांची टेस्ट के पहले दिन भारतीय टीम की बल्लेबाजी लड़खड़ाई थी. सिर्फ 39 रन स्कोरबोर्ड पर थे जब मयंक अग्रवाल, चेतेश्वर पुजारा और कप्तान विराट कोहली क्रीज से वापस लौट चुके थे. ऐसी मुश्किल स्थितियों में टीम को संभालना और फिर आक्रामक बल्लेबाजी करना आसान नहीं होता लेकिन रोहित शर्मा ने अजिंक्य रहाणे के साथ मिलकर पारी को संभाला और फिर उस स्थिति में ले आए जहां से एक बार फिर टेस्ट मैच पर भारत की पकड़ मजबूत हो गई है. इस दोहरे शतक में रोहित शर्मा के कई रिकॉर्ड भी बन गए. मसलन एक सलामी बल्लेबाज के तौर पर वो दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ सबसे ज्यादा 529 रन बनाने वाले भारतीय बल्लेबाज बन गए. इसके अलावा एक ही सीरीज में बतौर सलामी बल्लेबाज 500 रन से ज्यादा का स्कोर बनाने वाले वो देश के पांचवे खिलाड़ी हो गए. एक ही सीरीज में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाजों की फेहरिस्त में वो टॉप 5 भारतीय बल्लेबाजों में आ गए. श्रीलंका के खिलाफ विराट कोहली के 610, पाकिस्तान के खिलाफ वीरेंद्र सहवाग के 544 और पाकिस्तान के खिलाफ ही सौरव गांगुली के 534 रनों के बाद 529 रनों के साथ रोहित शर्मा अब चौथे नंबर पर हैं.
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