भारत के स्टार बल्लेबाज रोहित शर्मा का मानना है कि कप्तान विराट कोहली और कोच रवि शास्त्री के उनकी क्षमता पर भरोसे से उन्हें टेस्ट क्रिकेट में पारी का आगाज करने में मदद मिली.


ओपनर बल्लेबाज के रूप में अपनी ‘डेब्यू सीरीज’ में रोहित ने अंतिम टेस्ट में अपने करियर के पहले दोहरे शतक के अलावा विशाखापत्तनम में पहले टेस्ट में दो शतक (176 और 127) से कुल 529 रन जुटाए. इस प्रदर्शन के लिए उन्हें मैन आफ सीरीज चुना गया.


रोहित ने मैच के बाद कहा, ‘‘कोच और कप्तान के समर्थन से मदद मिलती है. पारी का आगाज करने का मौका देने के लिए मैं टीम मैनेजमेंट का आभारी हूं.’’


इस तरह की अटकलें थी कि कुछ महीने पहले रोहित और कोहली के बीच सब कुछ ठीक नहीं चल रहा था. कोहली और कोच रवि शास्त्री हालांकि पहले ही इस तरह की अटकलों को बकवास करार दे चुके हैं.


आप किसी भी प्रारूप में पारी की शुरुआत करें इसके लिए धैर्य और अनुशासन की जरूरत पड़ती है जो रोहित ने तब अपनी बल्लेबाजी में शामिल किया जब उन्होंने सफेद गेंद के क्रिकेट में पारी का आगाज करना शुरू किया.


रोहित ने कहा, ‘‘हां, इसकी शुरुआत 2013 में हुई जब मैंने सफेद गेंद के क्रिकेट में पारी का आगाज करना शुरू किया. मैंने महसूस किया कि पारी की शुरुआत में आपको कुछ अनुशासन की जरूरत है. यह मेरी बल्लेबाजी का हिस्सा है जिससे मुझे बल्लेबाजी में कुछ सफलता हासिल करने में मदद मिली.’’


मुंबई के इस दिग्गज बल्लेबाज का मानना है कि पहले घंटे के मुश्किल हालात में पिच पर टिके रहने के बाद वह सिर्फ अपनी गलती से ही आउट हो सकते हैं.


उन्होंने कहा, ‘‘मेरा हमेशा से मानना है कि जमने के बाद गलती के कारण ही आप आउट हो सकते हो. हमने देखा कि नई गेंद से निपटना कितना मुश्किल था और इस चरण से निकलने के बाद यह इस पर निर्भर करता है कि आप कितनी तेजी से रन बनाते हो.’’