Geoffrey Boycott on Rohit Sharma: भारत और इंग्लैंड के बीच पांच मैचों की टेस्ट सीरीज खेली जा रही है. इस सीरीज के पहले मैच में मेहमान इंग्लैंड ने भारतीय टीम को 28 रनों से हरा दिया. अब सीरीज का दूसरा टेस्ट मैच 2 फरवरी से विशाखापट्टनम में खेला जाएगा. इस मैच से पहले इंग्लैंड के पूर्व सलामी बल्लेबाज ने बड़ा दावा किया है. इंग्लैंड के पूर्व दिग्गज का मानना है कि भारतीय कप्तान रोहित शर्मा का समय चला गया है. साथ ही उन्होंने कहा कि इंग्लैंड के पास सीरीज जीतने का सुनहरा मौका है. 


गौरतलब है कि भारतीय टीम पांच मैचों की सीरीज के पहले टेस्ट की पहली पारी में मजबूत स्थिति में थी, लेकिन इंग्लैंड ने बल्ले और गेंद से दूसरी पारी में पलटवार करते हुए 28 रन से जीत दर्ज की. हालांकि, इंग्लैंड के पूर्व सलामी बल्लेबाज ज्योफ्री बॉयकॉट का मानना है पहले टेस्ट में भारतीय टीम को विराट कोहली की कमी खली. 


कोहली की गैरमौजूदगी में भारतीय बल्लेबाजी को मजबूत करने की जिम्मेदारी रोहित शर्मा के कंधों पर थी. हालांकि, भारतीय कप्तान दोनों पारियों में महज 24 और 39 रन ही बना सके. भारतीय टीम जीत के लिए 231 रन का पीछा करते हुए मैच के चौथे दिन 202 रन पर आउट हो गई. 


बॉयकॉट का मानना है कि इंग्लैंड के पास भारतीय सरजमीं पर 12 साल बाद जीत दर्ज करने का सुनहरा मौका है. उन्होंने ‘द डेली टेलीग्राफ’ के अपने कॉलम में लिखा, "इंग्लैंड के पास पिछले 12 साल में भारत को उन्हीं की धरती पर हराने वाली पहली टीम बनने का सुनहरा मौका है. भारत को विराट कोहली की कमी बहुत खल रही है और रविंद्र जडेजा को हैमस्ट्रिंग चोट है और वह दूसरा टेस्ट नहीं खेलेंगे. उनके कप्तान रोहित शर्मा लगभग 37 वर्ष के हैं और खेल में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन पार कर चुके हैं. वह कई बार असरदार छोटी पारियां खेलते हैं, लेकिन चार साल में घरेलू मैदान पर केवल दो टेस्ट शतक बना पाए हैं. उनकी टीम क्षेत्ररक्षण (फील्डिंग) में भी कमजोर है. उन्होंने 110 रन के स्कोर पर ओली पोप का कैच छोड़ा था, इससे उन्हें 86 रन का नुकसान हुआ और वे मैच हार गये."


रविचंद्रन अश्विन, रवींद्र जडेजा और अक्षर पटेल की स्पिनरों की तिकड़ी दूसरी पारी में असरहीन दिखी. स्पिनरों के लिए मददगार परिस्थितियों में इंग्लैंड के बल्लेबाजों ने उनके खिलाफ स्वीप और रिवर्स स्वीप का शानदार इस्तेमाल किया. बॉयकॉट ने कहा कि इंग्लैंड ने अपने स्वीप और रिवर्स स्वीप से भारत को परेशान किया. भारतीय टीम के लिए 190 रन की बढ़त लेने के बाद हारना चौंकाने वाली बात रही. घरेलू पिचों पर ऐसा उनके साथ पहले कभी नहीं हुआ था, जहां उन्होंने सोचा था कि वे अजेय हैं.


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