इससे पहले मुंबई की पारी क्विंटन डी कॉक (47 गेंदों पर 65 रन) के इर्द गिर्द घूमती रही. उन्होंने सूर्यकुमार यादव (33 गेंदों पर 34 रन) के साथ दूसरे विकेट के लिये 97 रन जोड़े, लेकिन तब भी पहले बल्लेबाजी का न्योता पाने वाली मुंबई की टीम पांच विकेट पर 161 रन ही बना पाई.
राजस्थान की यह नौ मैचों में तीसरी और मुंबई पर लगातार दूसरी जीत है. मुंबई की दस मैचों में चौथी हार है. रॉयल्स की जीत में उसके तीन गेंदबाजों लेग स्पिनर श्रेयस गोपाल (21 रन देकर दो विकेट), जोफ्रा आर्चर (22 रन देकर एक विकेट) और स्टुअर्ट बिन्नी (तीन ओवर में 19 रन देकर एक विकेट) की भूमिका भी अहम रही. इन तीनों ने मिलकर 11 ओवर में 62 रन दिये और चार विकेट लिये.
आर्चर ने अगर तीन कैच नहीं छोड़े होते तो मुंबई की स्थिति नाजुक हो सकती थी. डी कॉक तब छह रन पर थे तब आर्चर उनका कैच नहीं ले पाये. इसके बाद उन्होंने जयदेव उनादकट की गेंदों पर हार्दिक पंड्या (15 गेंदों पर 23 रन) के दो कैच टपकाये.
राजस्थान रायल्स ने लक्ष्य का पीछा करते हुए शुरू से हावी होने की रणनीति अपनायी. सैमसन ने पारी का आगाज करते हुए यह जिम्मेदारी बखूबी संभाली लेकिन कप्तानी से हटाये गये रहाणे केवल 12 रन बना पाये. लेग स्पिनर राहुल चाहर (29 रन देकर तीन) ने रहाणे के रूप में अपना पहला विकेट लिया.
इसके बाद सैमसन और स्मिथ ने मिलकर सातवें ओवर तक स्कोर 75 रन पर पहुंचा दिया. ऐसे समय में चाहर ने फिर से गेंद संभाली तथा सैमसन और बेन स्टोक्स (शून्य) को पांच गेंद के अंदर पवेलियन की राह दिखा दी.
असम के 17 वर्षीय पराग ने अपने कप्तान का बखूबी साथ दिया और अच्छे स्ट्रोक लगाने के अपने कौशल का अच्छा प्रदर्शन किया. स्मिथ ने 40 गेंदों पर अपना अर्धशतक पूरा किया. इसके बाद पराग रन आउट हो गये जबकि एशटन टर्नर लगातार दूसरे मैच में खाता नहीं खोल पाये. बिन्नी (नाबाद सात) ने विजयी चौका लगाया. स्मिथ और पराग दोनों ने समान पांच चौके और एक . एक छक्का लगाया.
इससे पहले स्मिथ ने क्षेत्ररक्षण के समय अपने नेतृत्वकौशल का परिचय दिया. उन्होंने गेंदबाजी में अच्छे बदलाव किये और गोपाल ने तीसरे ओवर में ही रोहित शर्मा (पांच) को अपनी ही गेंद पर कैच करके अपने कप्तान की रणनीति को सही साबित भी किया.
मुंबई का स्कोर तीन ओवर के बाद एक विकेट पर 13 रन था. इसके बाद धवल कुलकर्णी जब अपना दूसरा ओवर करने के लिये आये तो डी कॉक ने उन पर लगातार तीन चौके और एक छक्का जड़कर रन गति तेज की. उन्होंने 34 गेंदों पर इस सत्र का अपना तीसरा अर्धशतक पूरा किया.
सूर्यकुमार को रन बनाने के लिये जूझना पड़ा. वह तीसरे ओवर में क्रीज पर आ गये थे लेकिन रियान प्रयाग पर जमाये गये छक्के के अलावा उनके नाम पर कोई बड़ा शाट नहीं रहा. बिन्नी ने उन्हें डीप स्क्वायर लेग पर आउट कराकर यह साझेदारी तोड़ी. गोपाल ने अगले ओवर में डी कॉक की पारी का अंत किया जिन्होंने छह चौके और दो छक्के लगाये.
मुंबई के बिग हिटर्स के लिये क्रीज पर उतरने का यह सही समय था. अब हार्दिक और कीरेन पोलार्ड क्रीज पर थे. उनादकट ने धीमी आफ कटर पर पोलार्ड (दस) को बोल्ड कर दिया. आर्चर ने हार्दिक को जीवनदान दिये लेकिन यार्कर पर उन्हें पगबाधा आउट करके इसकी भरपायी की. बेन कटिंग (नाबाद 13) ने आर्चर की आखिरी गेंद छह रन के लिये भेजी.