SA vs IND: वांडरर्स में कभी नहीं हारी टीम इंडिया, अब साउथ अफ्रीका ने चली 'तेज' चाल
साउथ अफ्रीका के खिलाफ केपटाउन और सेंचुरियन टेस्ट हारने के बाद टीम इंडिया पहले ही तीन मैचों की सीरीज 0-2 से गंवा चुकी है और अब उस पर जोहानेसबर्ग में सुपड़ा साफ होने का खतरा मंडराने लगा है.
सीरीज का तीसरा और अंतिम टेस्ट वांडर्रस के मैदान पर खेला जाएगा- साउथ अफ्रीका के खिलाफ केपटाउन और सेंचुरियन टेस्ट हारने के बाद टीम इंडिया पहले ही तीन मैचों की सीरीज 0-2 से गंवा चुकी है और अब उस पर जोहानेसबर्ग में सुपड़ा साफ होने का खतरा मंडराने लगा है. दोनों ही मुकाबलों में भारतीय टीम को साउथ अफ्रीका की 'घास वाली' पिच का सामना नहीं करना पड़ा, सुपर स्पोर्टस पार्क में तो भारत को होम ग्राउंड जैसा अनुभव हो रहा था. लेकिन वांडर्रस का मैदान पूरी तरह से तेज गेंदबाजों के नाम होगा. 24 जनवरी को सीरीज का तीसरा और अंतिम टेस्ट मैच खेला जाएगा.
पिच क्यूरेटर बेथुएल बुटलेजी ने वाह क्रिकेट से बात करते हुए साफ कहा कि पिछले दो टेस्ट में जो नहीं हुआ वो वांडर्रस पर देखने को मिलेगा. उन्होंने कहा, सेंचुरियन टेस्ट में पिच पर घास तो थी लेकिन उसका रंग भूरा था जबकि वांडर्रस में ऐसा नहीं होगा. इस पिच पर तेज और उछाल बल्लेबाजों को परेशान कर देगी.
वाह क्रिकेट संवाददाता कुंतल चक्रवर्ती ने जब पिच को देखा तो वो हैरान रह गए. पूरे मैदान में पिच को ढूंढना काफी मुश्किल था क्योंकि पिच और आउटफील्ड के घास लगभग बराबर दिखे. बेथुएल पिछले दो साल से वांडर्रस की पिच तैयार कर रहे हैं जिसपर तेज गेंदबाजों का बोलबाला रहा है.
ऐसे में पहले ही सीरीज गंवा चुकी भारतीय टीम को लाज बचाने के लिए इस मैदान पर चमत्कारी प्रदर्शन करना होगा. हालाकि इस मैदान पर भारतीय टीम का रिकॉर्ड शानदार रहा है. भारत ने यहां चार मुकाबले खेले हैं जिसमें से तीन ड्रॉ रहे जबकि 2006 के दौरे में उसे 123 रनों की शानदार जीत मिली थी.
भारत ने इस मैदान पर पिछला मैच 2013 में खेला था, एक बड़े स्कोर का मैच अंत में बराबरी पर छूटा था. भारत की ओर से विराट कोहली और चेतेश्वर पुजारा ने शतक लगाया था जबकि इशांत शर्मा ने पहली पारी में चार विकेट के साथ कुल पांच विकेट झटके थे.