सचिन तेंडुलकर को लगता है 70 साल बाद ऑस्ट्रेलिया को हराने का है सुनहरा मौका
टीम इंडिया के दिग्गज सचिन तेंडुलकर को लगता है कि भारत के पास ऑस्ट्रेलिया को हराने का सुनहरा मौका आया है.
आज़ादी के बाद 70 सालों से ऑस्ट्रेलियाई सरज़मीं पर पहली सीरीज़ जीत का इंतज़ार कर रही टीम इंडिया इस बार देश का सपना पूरा कर सकती है. टीम इंडिया के दिग्गज और अपने वक्त में कभी भी ऑस्ट्रेलिया में सीरीज़ नहीं जीत सके सचिन तेंडुलकर को भी यही उम्मीद है कि भारत के पास इस बार सुनहरा मौका आया है कि वो ऑस्ट्रेलिया में इतिहास रच दे.
भारतीय टीम इसी महीने के आखिर में लंबे ऑस्ट्रेलिया दौरे के लिए रवाना हो जाएगी. जहां पर उसे तीन टी20, चार मैचों की टेस्ट सीरीज़ और तीन वनडे मुकाबले खेलने हैं.
लेकिन सबकी नज़रें ऑस्ट्रेलिया में पहली टेस्ट जीत पर है, क्योंकि जहां भारतीय टीम मौजूदा समय में टेस्ट क्रिकेट की एक बड़ी शक्ति है. वहीं ऑस्ट्रेलियाई टीम मुश्किल दौर से गुज़र रही है. ना तो उनके पास सही टीम संयोजन है और ना ही उनके पास उनके सबसे दिग्गज और अनुभवी बल्लेबाज़ स्टीव स्मिथ और डेविड वॉर्नर हैं.
ऐसे में सचिन का भी मानना है कि भारत इस बार इतिहास रचकर ही लौटेगा. भारत की संभावनाओं के बारे में सचिन ने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि हमारे पास बड़ा मौका है (ऑस्ट्रेलिया में). आपने (रिपोर्टर ने) सही पूछा, ऑस्ट्रेलियाई टीम उस तरह की टीम नजर नहीं आती जैसी हुआ करती थी और स्मिथ के साथ-साथ वार्नर भी नहीं हैं. यह वहां जाकर कुछ विशेष करने का बेहतरीन मौका है.’’
भारत दौरे की शुरुआत तीन टी20 मैचों के साथ करेगा जिसके बाद छह दिसंबर से एडिलेड में चार मैचों की टेस्ट सीरीज खेली जाएगी.
मार्च में साउथ अफ्रीका में गेंद से छेड़छाड़ मामले में भूमिका के कारण स्मिथ और वार्नर पर एक-एक साल जबकि कैमरन बेनक्राफ्ट पर नौ महीने का प्रतिबंध लगाया गया था.
तेंदुलकर ने कहा कि वह इस बहस में नहीं पड़ना चाहते कि स्मिथ और वार्नर पर लगा प्रतिबंध कम किया जाए या नहीं.
आस्ट्रेलियाई क्रिकेटरों के संघ ने आसट्रेलियाई क्रिकेट की सांस्कृतिक समीक्षा से जुड़ी रिपोर्ट आने के बाद स्मिथ, वार्नर और बेनक्राफ्ट पर लगे प्रतिबंध हटाने की मांग की थी.
यह पूछने पर क्या वह इन दोनों खिलाड़ियों को खेलते हुए देखना चाहेंगे, तेंदुलकर ने कहा, ‘‘निश्चित तौर पर मैं अच्छा क्रिकेट देखना चाहूंगा (आस्ट्रेलिया में). वे दोनों (स्मिथ और वार्नर) विश्व स्तरीय खिलाड़ी हैं. इसलिए मैं इस बहस में नहीं पड़ना चाहता कि प्रतिबंध हटाया जाए या नहीं.’’