24 अप्रैल का दिन भारतीय क्रिकेट फैंस के लिए बेहद खास है. ये है क्रिकेट के भगवान माने जाने वाले सचिन तेंदुलकर का जन्मदिन. सचिन आज 47 साल के हो गए हैं. वैसे तो सचिन ने अपने 24 साल के करियर में भारतीय क्रिकेट फैंस को कई शानदार यादें दी हैं, लेकिन उनमें से एक खास जगह है 24 अप्रैल, 1998 की. ये वो दिन है जब सचिन ने अपने जन्मदिन पर एक ऐसी पारी खेली, जो भारतीय फैंस के दिलों में हमेशा के लिए बस गई.


लगभग 24 साल के करियर में सचिन 782 बार बैट थामे 22 गज की पिच पर बैटिंग के लिए उतरे. 34 हजार से ज्यादा अंतरराष्ट्रीय रन, 100 शतक और डेढ़ सौ से ज्यादा अर्धशतक. सचिन ने अपने करियर में एक साल के लगभग हर दिन अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेला.


जन्मदिन पर सिर्फ एक मैच
अपने जन्मदिन पर सचिन सिर्फ एक बार बैटिंग करने उतरे और उस खास दिन को उन्होंने बना दिया और भी यादगार. बात 24 अप्रैल 1998 की है. शारजाह में चल रहा था कोका-कोला कप. भारत, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड की टीमों के बीच चल रही थी टक्कर. ऑस्ट्रेलिया फाइनल में पहुंच चुका था.


2 दिन पहले ही यानी 22 अप्रैल को सचिन ने अपने करियर की सबसे बेहतरीन पारियों में से एक- डेजर्ट स्टोर्म इनिंग- खेली थी और भारत को फाइनल में पहुंचाया था, लेकिन सचिन का काम अभी पूरा नहीं हुआ था. ऐसा इसलिए क्योंकि सचिन की तूफानी पारी के बावजूद भारत को हार मिली थी.


ऐसे में एक बार फिर भारत के सामने फाइनल में मजबूत ऑस्ट्रेलिया की चुनौती थी. सचिन पहले ही ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों की धज्जिया उड़ा चुके थे. इसलिए ऑस्ट्रेलिया भी चौकन्ना थी. पहले बैटिंग करते हुए कंगारू टीम ने कप्तान स्टीव वॉ (70) और डैरन लेहमन (70) की अहम पारियों की मदद से 272 रन बनाए.


फाइनल के लिहाज से लक्ष्य आसान नहीं था. सचिन फॉर्म में थे लेकिन लगातार एक ही अंदाज में खेलना उनके लिए भी आसान नहीं था. सचिन ने इसके बारे में अपनी आत्मकथा ‘प्लेइंग इट माई वे’ में लिखा-


“सब सोच रहे थे कि मैं वहीं से अपनी बैटिंग शुरू करूंगा, जहां पिछले मैच में खत्म की थी. ये इतना आसान नहीं था. मेरा शरीर बहुत थका हुआ था. ऐसे में मैंने तय किया कि पहले थोड़ा वक्त क्रीज पर गुजारा जाए और फिर आखिर तक टिक कर मैच जीता जाए.”


शेन वॉर्न को सपने में दिखने लगे सचिन
सचिन के ओपनिंग पार्टनर सौरव गांगुली इस बार भी जल्दी आउट हो गए, लेकिन सचिन को इससे फर्क नहीं पड़ा और एक बार फिर ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों पर टूट पड़े. एक बार फिर माइकल कास्प्रोविच, डेमियन फ्लेमिंग की धुनाई हुई.


लेकिन सचिन ने सबसे ज्यादा मार लगाई ऑस्ट्रेलिया की सबसे बड़ी उम्मीद शेन वॉर्न को. पिछले मैच में सचिन ने वॉर्न पर कुछ अच्छे शॉट्स लगाए थे, लेकिन इस मैच में तो सचिन ने वॉर्न को एक बार भी नहीं बख्शा. लेग स्टंप के बाहर निकलकर मिड ऑन और मिड विकेट पर सचिन ने कई जबरदस्त स्लॉग शॉट खेले.


सचिन ने लगातार दूसरे मैच में अपना शतक पूरा किया. ये सचिन के करियर का 15वां वनडे शतक था, लेकिन इस बार उनका शतक बेकार नहीं गया और भारतीय टीम ने ऑस्ट्रेलिया को हराकर कोका-कोला कप जीत लिया. सचिन ने 131 गेंद में 12 चौकों और 3 छक्कों की मदद से 134 रन बनाए.


फाइनल के बाद ऑस्ट्रेलियाई टीम की ओर से आए दो बयान बेहद चर्चित रहे. हार के तुरंत बाद कप्तान स्टीव वॉ ने कहा कि उनकी टीम सचिन तेंदुलकर से हारी. वहीं करिश्माई गेंदबाज के रूप में पहचान बना चुके शेन वॉर्न ने इस मैच के बाद कहा था सपने में भी सचिन उनकी गेंदों पर धुनाई करते दिखते हैं.


अपने करियर में कई यादगार पारियां खेलने वाले सचिन का ये जन्मदिन और ये पारी फैंस के दिलों में हमेशा के लिए बसी रहेगी.


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