सचिन तेंदुलकर को क्रिकेट की दुनिया का सबसे महान बल्लेबाज माना जाता है. क्रिकेट को अलविदा कहने के करीब 10 साल बाद भी बल्लेबाज का लगभग हर बड़ा रिकॉर्ड सचिन तेंदुलकर के नाम ही है. लेकिन सचिन तेंदुलकर को दो बातों को बहुत मलाल है. सचिन ने कहा कि गावस्कर और रिचर्डस के साथ नहीं खेलने का मलाल उन्हें सारी उम्र रहेगा.


तेंदुलकर ने हाल ही में अपने दिल का राज बयां किया है. सचिन तेंदुलकर ने कहा, "मुझे दो बातों का मलाल है. पहला ये कि मैं कभी भी सुनील गावस्कर के साथ नहीं खेल पाया. जब मैं बड़ा हो रहा था तो गावस्कर मेरे बैटिंग हीरो थे. एक टीम के तौर पर उनके साथ नहीं खेलने का हमेशा मलाल रहेगा. वो मेरे अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में पदार्पण करने से कुछ पहले ही संन्यास ले चुके थे."


सचिन के नाम दर्ज हैं 100 शतक


2013 में इंटरनेशनल क्रिकेट से संन्यास लेने वाले तेंदुलकर के नाम अभी भी टेस्ट और वनडे में सबसे ज्यादा रन बनाने का रिकॉर्ड है. भारत के लिए 200 टेस्ट और 463 वनडे मैच खेलने वाले तेंदुलकर के नाम टेस्ट में 51 और वनडे में 49 शतक दर्ज हैं.


सचिन तेंदुलकर रिचर्ड्स के खिलाफ इंटरनेशनल मैच नहीं खेल पाए. उन्होंने कहा, "मेरे बचपन के हीरो सर विवियन रिचर्डस के खिलाफ नहीं खलेने का मेरा दूसरा मलाल है. मैं भाग्यशाली था कि मैं उनके खिलाफ काउंटी क्रिकेट में खेल पाया. लेकिन मुझे अब भी उनके खिलाफ एक इंटरनेशनल मैच नहीं खेल पाने का मलाल है. भले ही रिचर्डस साल 1991 में रिटायर्ड हुए और हमारे करियर में कुछ साल उतार चढाव के हैं, लेकिन हमें एक-दूसरे के खिलाफ खेलने का मौका नहीं मिला."


फिलहाल सचिन तेंदुलकर ने क्रिकेट से दूरी बना रखी है. संन्यास लेने के बाद सचिन किसी और भूमिका में नज़र नहीं आए हैं. सचिन हालांकि पृथ्वी शॉ जैसे युवा खिलाड़ियों को आगे बढ़ने में मदद कर रहे हैं.


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