कोरोना वायरस की वजह से क्रिकेट का आयोजन तो नहीं हो रहा है लेकिन स्टार खिलाड़ी फैंस के साथ पुराने किस्सों के बारे में बात कर रहे हैं. दुनिया के सबसे कामयाब बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर को क्रिकेट प्रेमियों से 1999 में एडिलेड में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेले गए टेस्ट मैच के बारे में बताया है. सचिन तेंदुलकर ने बताया है कि जिस तरह से उन्होंने तेज गेंदबाज मैक्ग्रा पर दबाव बनाकर बाजी जीत ली थी.


बीसीसीआई की ओर से सचिन तेंदुलकर के इस किस्से का वीडियो शेयर किया गया है. सचिन ने कहा, "1999 में हमारा पहला मैच एडिलेड में था. पहले दिन का खेल खत्म होने में 40 मिनट का समय बचा था. मैक्ग्रा आए और मुझे पांच-छह ओवर फेंके. यह उनकी रणनीति थी कि सचिन को परेशान करते हैं और उन्होंने तय किया था कि 70 फीसदी गेंद विकेटकीपर के हाथों में जानी चाहिए जबकि 10 फीसदी मेरे शरीर पर. अगर वह इन गेंदों को खेलने जाते हैं तो हम सफल हो जाएंगे."


उन्होंने कहा, "मैं जितना संभव हो सका था गेंद छोड़ता चला गया. कुछ अच्छी गेंदें भी फेंकी थीं जिनपर मैं बीट हो गया. तो मैंने कहा अच्छी गेंद है, अब जाओ और दोबारा गेंद करो मैं यहीं हूं." सचिन ने कहा है कि उन्हें मालूम चल गया था कि कि रणनीति के तहत मैक्ग्रा उन्हें परेशान करना चाहते हैं.



सचिन ने कहा, ''जिस तरह से मैंने पिछले दिन मैक्ग्रा का सामना किया अगले दिन भी मैंने अपने धैर्य को बनाए रखा. मैंने उन्हें मजबूर किया अपने हिसाब से गेंदबाजी करने के लिए. इसी दबाव की रणनीति के तहत मैं मैक्ग्रा पर काबू पाने में कामयाब रहा.''


इसके अलावा सचिन तेंदुलकर ने बताया है कि किस तरह से मुश्किल वक्त में उन्होंने युवा बल्लेबाज पृथ्वी शॉ की मदद की थी.


सचिन तेंदुलकर ने पृथ्वी शॉ की थी मदद, लेकिन इसलिए यह बात बताने से किया इंकार