Sachin Tendulkar: सचिन तेंदुलकर ने बताया क्यों वनडे क्रिकेट से होने लगी है बोरियत, रोचकता लाने के लिए दिए ये सुझाव
ODI Cricket: सचिन तेंदुलकर का मानना है कि वनडे क्रिकेट का जो वर्तमान फॉर्मेट है, उसमें कुछ चीज़ें गायब हैं, इसीलिए यह बोरिंग होता जा रहा है.
Sachin Tendulkar on ODI Cricket: मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर ने इस बात को स्वीकार किया है कि वर्तमान समय में वनडे क्रिकेट से बोरियत होने लगी है. इसके लिए वह दुनियाभर में लोकप्रिय हो रहे टी20 क्रिकेट को नहीं बल्कि वनडे फॉर्मेट में अपनाए जा रहे नए नियमों को जिम्मेदार मानते हैं. सचिन के मुताबिक, वनडे क्रिकेट में दोनों छोर से नई गेंद का इस्तेमाल और गेंद पर थूक न लगा पाने जैसी चीजों के कारण वनडे क्रिकेट से रोचकता गायब हो रही है.
इंडिया टूडे इनक्लेव में अपनी बात रखते हुए सचिन ने कहा, 'इसमें कोई शक नहीं कि वनडे क्रिकेट अब भारी साबित हो रहा है. वर्तमान में हर पारी में दो नई गेंद का नियम है. जब आपके पास 50 ओवर के भीतर दो नई गेंद होती है तो आप रिवर्स स्विंग जैसी कला नहीं देख पाते हैं. जब पारी का 40वां ओवर चल रहा होता है तो हर गेंद के लिए वह 20वां ओवर ही होता है और गेंद तो 30 ओवर के आसपास ही रिवर्स स्विंग हो पाती है. तो मुझे लगता है कि दो नई गेंद होने के कारण यह अहम चीज़ वनडे क्रिकेट से गायब हो रही है और यह गेंदबाजों के लिहाज से गलत है.'
सचिन कहते हैं, 'वर्तमान में वनडे मैचों को लेकर आसानी से भविष्यवाणियां की जा सकती है. 15वें से 40वें ओवर के बीच यह अपना मोमेंटम खो देता है. यह बोरिंग होता जाता है.'
सलाइवा बैन हटाने की भी सलाह दी
सचिन तेंदुलकर ने कहा, 'मैं मेडिकल एक्सपर्ट तो नहीं हूं लेकिन मुझे लगता है कि गेंद पर थूक लगाने को फिर से अनुमति मिल जानी चाहिए. यह 100 से भी ज्यादा सालों से होता रहा है. खिलाड़ी सलाइवा का उपयोग करते रहे हैं और इससे कोई बड़ी हानि नहीं हुई है. हां बीते 2-3 साल से इस पर बैन लगाना सही फैसला था लेकिन अब जब कोविड-19 पीछे छूट चुका है तो इस पर से बैन हटा लेना चाहिए.'
यह खास सुझाव भी दिया
सचिन तेंदुलकर ने इस दौरान वनडे क्रिकेट में भी टेस्ट की तरह दो-दो पारियां खेलने का सुझाव दिया. यानी 25-25 ओवर की चार पारियां हों लेकिन हर टीम के हाथ में दोनों पारियां मिलाकर विकेट 10 ही हो. 25 ओवर की एक पारी के बाद दूसरी टीम को 25 ओवर खेलने का मौका मिले. सचिन ने बताया कि इस फॉर्मेट के जरिए दोनों टीमों को पिच, टॉस और औस जैसे फैक्टर्स से बराबर मदद मिलेगी और रोचकता भी बढ़ेगी.
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