भारत के सबसे महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर ने बुधवार को कहा कि देश की संप्रभुता के साथ कोई समझौता नहीं किया जा सकता है. सचिन तेंदुलकर ने यह बयान उन विदेशी हस्तियों को निशाने पर रखकर दिया जो भारत में दो महीने से हो रहे किसान आंदोलन के समर्थन में उतरी हैं. सचिन तेंदुलकर के इस बयान को हालांकि बहुत सारे लोग किसान आंदोलन के विरोध में भी देख रहे हैं. लेकिन इसी बीच फैंस ने राहुल द्रविड़ के उस फैसले को सही ठहराना शुरू कर दिया है जब उन्होंने सचिन तेंदुलकर को दोहरा शतक पूरा करने का मौका नहीं दिया.


राहुल द्रविड़ ने घोषित की थी पारी


इंडिया 2004 में पाकिस्तान के दौरे पर पहुंची थी. मुल्तान में खेले गए पहले टेस्ट में टीम इंडिया को कप्तान सौरव गांगुली के बिना ही मैदान पर उतरना पड़ा और टीम की कमान उपकप्तान राहुल द्रविड़ ने संभाली. वीरेंद्र सहवाग के तिहरे शतक की बदौलत टीम इंडिया को इस मैच में बेहद ही अच्छी शुरुआत मिली थी.


सचिन तेंदुलकर ने भी इस टेस्ट में कमाल की बल्लेबाजी करते हुए 194 रन की नाबाद पारी खेली थी. सचिन तेंदुलकर हालांकि राहुल द्रविड़ की वजह से अपना दोहरा शतक पूरा नहीं कर पाए थे और जब वह ड्रेसिंग रूम की तरफ जा रहे थे तब वो ना सिर्फ राहुल द्रविड़ के फैसले पर हैरान थे बल्कि उन्हें नाराज होते हुए भी देखा गया था.


दरअसल, इंडिया का स्कोर 161.4 ओवर में चार विकेट के नुकसान पर 675 रन था. युवराज सिंह 59 रन बनाकर खेल रहे थे. लेकिन फहरत की अगली ही गेंद पर युवराज सिंह आउट हो गए. युवराज का विकेट गिरने के साथ ही राहुल द्रविड़ ने पारी घोषित करने का एलान कर दिया और उन्होंने दूसरे छोर पर 194 रन बनाकर खेल रहे सचिन तेंदुलकर को दोहरा शतक पूरा करने का मौका नहीं दिया.


द्रविड़ की होती रही है आलोचना


राहुल द्रविड़ को इस फैसले की वजह से कई बार आलोचना का शिकार होना पड़ा है. लेकिन करीब 17 साल बाद राहुल द्रविड़ के इस फैसले को कुछ फैंस सही ठहरा रहे हैं. एक यूजर ने ट्वीट कर लिखा है कि राहुल द्रविड़ उस दिन सही थे जब उन्होंने पारी घोषित की.



सचिन तेंदुलकर के टीट पर जवाब देते हुए एक अन्य यूजर ने भी कहा है कि राहुल द्रविड़ ने आपको 194 रन पर वापस पवेलियन बुलाने का सही फैसला लिया था.



किसान आंदोलन: विदेशी हस्तियों के ट्वीट पर बोले सचिन तेंदुलकर- देश की संप्रभुता से समझौता नहीं होगा