वनडे मुकाबलों में लगातार लग रहे रनों के अंबार से महान क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर चिंतित हैं. सचिन का मानना है कि इस फॉर्मेट में आईसीसी द्वारा लाए गए दो गेंदों के नियम से ऐसा हुआ है और यह नियम की नाकामी को दिखाता है.
इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया के बीच खेले जा रहे पांच मैचों की सीरीज के मुकाबलों में रनों का अंबार देखा गया यहां तक की इस दौरान वनडे इतिहास की सबसे बड़ी पारी भी देखने को मिली.
इन पारियों को देखने के बाद तेंदुलकर ने ट्विटर पर लिखा ,‘‘वनडे में दो नई गेंदों का इस्तेमाल नाकामी को न्यौता देने जैसा है. गेंद को उतना समय ही नहीं मिलता कि रिवर्स स्विंग मिल सके. हमने डैथ ओवरों में लंबे समय से रिवर्स स्विंग नहीं देखी.’’
इंग्लैंड ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ तीसरे वनडे में छह विकेट पर 481 रन बनाए. अगले वनडे में 312 रन का लक्ष्य 45 ओवरों में हासिल कर लिया.
रिवर्स स्विंग के महारथी पाकिस्तान के वकार युनूस ने तेंदुलकर का समर्थन करते हुए कहा ,‘‘यही वजह है कि अब आक्रामक तेज गेंदबाज नहीं निकलते. सभी रक्षात्मक खेलते हैं. सचिन से पूरी तरह सहमत हूं. रिवर्स स्विंग लुप्त ही हो गई है.’’
आईसीसी ने अक्तूबर 2011 में वनडे में दो नई गेंदों का प्रयोग शुरू किया था.