सचिन तेंदुलकर ने झेला है भारी तनाव, मैच से पहले नहीं आती थी नींद
सचिन तेंदुलकर ने बायो बबल की वजह से खिलाड़ियों के मानसिक स्वास्थ्य पर पड़ रहे असर के बारे में बात की है. इसके साथ ही सचिन ने बताया है कि कैसे उन्हें अपने करियर के लंबे हिस्से में तनाव से गुजरना पड़ा.
![सचिन तेंदुलकर ने झेला है भारी तनाव, मैच से पहले नहीं आती थी नींद Sachin Tendulkar revels that he was not able to sleep before the match सचिन तेंदुलकर ने झेला है भारी तनाव, मैच से पहले नहीं आती थी नींद](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2021/04/08/525a671b2840b4852a2c143862eac451_original.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
टीम इंडिया के पूर्व बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर को अब तक दुनिया का सबसे महान क्रिकेटर माना जाता है. लेकिन दुनिया के इस महानतम बल्लेबाज ने एक बेहद ही चौंकाने वाला खुलासा किया है. सचिन तेंदुलकर ने कहा है कि 24 साल के करियर के लंबे हिस्से में उन्हें बेहद ज्यादा तनाव का सामना करना पड़ा. इतना ही नहीं सचिन मैच से पहले कई बार सो भी नहीं पाया करते थे.
सचिन तेंदुलकर ने हालांकि बाद में तनाव से मुक्ति हासिल करने का तरीका खोज लिया था. दरअसल, सचिन तेंदुलकर ने तनाव से जुड़ी हुई बात को इसलिए बताया क्योंकि दुनियाभर में कोविड 19 प्रोटोकॉल और बायो बबल आने के बाद से क्रिकेटर्स के मानसिक स्वास्थ्य पर पड़ने वाले असर को लेकर बहस छिड़ गई है.
सचिन तेंदुलकर ने कहा है कि बायो बबल में खिलाड़ियों के मानसिक स्वास्थ्य पर पड़ रहे असर के बारे में बात करना बेहद जरूरी है. महान खिलाड़ी ने कहा, ''टाइम के साथ मुझे मालूम चला कि शरीर के साथ आपको मानसिक रूप से भी तैयार होने की जरूरत होती है. तनाव बहुत ज्यादा हो जाता है. मैंने अपने करियर में 10 से 12 साल तक बहुत ज्यादा तनाव महसूस किया. कितनी बार ऐसा होता था कि मैच से पहले मैं सो नहीं पाता था.''
मैच से पहले नहीं आती थी नींद
सचिन ने आगे कहा, ''मैंने इस बात को स्वीकार किया कि मुझे मैच से पहले सोने में परेशानी होती थी. मैं अपना ध्यान भटकाने के लिए कोई और काम करने लग जाता था. इसमें बल्लेबाजी की प्रैक्टिस, वीडियो गेम खेलना और सुबह खुद के लिए चाय बनाना शामिल था.''
सचिन ने कहा कि मानसिक स्वास्थ्य को लेकर जागरूक होना बेहद जरूरी है. उन्होंने कहा, ''शायद बुरे समय को स्वीकार नहीं करें. लेकिन जिस तरह चोटिल होने पर डॉक्टर आपका इलाज करते हैं, ठीक वैसा ही मानसिक स्वास्थ्य को लेकर भी है. यह सामान्य है. हमें इसे स्वीकार करना चाहिए और यह बात सिर्फ खिलाड़ियों पर नहीं बल्कि हर इंसान पर लागू होती है.
विराट कोहली को लेकर भिड़े सलमान बट और माइकल वान, फिक्सिंग का मामला भी उछला
ट्रेंडिंग न्यूज
टॉप हेडलाइंस
![ABP Premium](https://cdn.abplive.com/imagebank/metaverse-mid.png)