World Cup 2019: 2007 के क्रिकेट वर्ल्ड कप में भारतीय टीम का प्रदर्शन बेहद निराशाजनक रहा था. वर्ल्ड कप में करारी हार के बाद सचिन, राहुल और गांगुली जैसे दिग्गज खिलाड़ी भी सवालों के घेरे में आ गए थे. सचिन तेंदुलकर ने खुलासा किया है कि उस वक्त वेस्टइंडीज के स्टार बल्लेबाज रहे विवियन रिचडर्स ने उन्हें संन्यास लेने से रोका था.


खुद सचिन का भी यह विश्व कप अच्छा नहीं रहा था और टूर्नामेंट के तीन मैचों में उन्होंने मात्र 64 रन ही बनाए थे. सचिन तेंदुलकर ने कहा कि 2007 विश्व कप में खराब प्रदर्शन के बाद उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लेने का मन बना लिया था. लेकिन रिचडर्स से 45 मिनट तक हुई बातचीत ने उनका फैसला बदल दिया.

सचिन ने कहा, "उस समय भारतीय क्रिकेट से जुड़ी जो चीजें हो रही थीं उनमें सब कुछ ठीक नहीं था. हमें कुछ बदलाव की जरूरत थी और मुझे लगता था कि अगर वे बदलाव नहीं हुए तो मैं क्रिकेट छोड़ देता. मैं क्रिकेट को अलविदा कहने को लेकर 90 प्रतिशत सुनिश्चित था."

उन्होंने कहा, "लेकिन मेरे भाई ने मुझे कहा कि 2011 में विश्व कप का फाइनल मुंबई में होगा और क्या तुम उस इस खूबसूरत ट्रॉफी को अपने हाथ में थामने की कल्पना कर सकते हो."

सचिन ने आगे कहा, "इसके बाद मैं अपने फार्म हाउस में चला गया और वहीं मेरे पास सर विवियन का फोन आया, उन्होंने कहा कि उन्हें पता है कि मेरे अंदर काफी क्रिकेट बचा है. हम दोनों के बीच लगभग 45 मिनट तक बातचीत हुई. जब आपका हीरो आपको फोन करता है तो यह काफी मायने रखता है. यह वह समय था जिसने मेरे लिए कई चीजें बदल दीं और इसके बाद से मेरा प्रदर्शन काफी अच्छा होता गया."

मास्टर ब्लास्टर सचिन ने फिर 2011 में हुए अगले विश्व कप में नौ मैचों में 482 रन बनाए थे. इसमें इंग्लैंड और दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ बनाया गया शतक भी शामिल था. भारत ने इस विश्व कप के फाइनल में श्रीलंका को हराकर दूसरी बार विश्व कप अपने नाम किया था.