टीम इंडिया के युवा पृथ्वी शॉ के लिए न्यूजीलैंड दौरा कुछ खास नहीं रहा. अपने करीब दो साल के करियर में ही पृथ्वी शॉ अपनी फिटनेस और डोप टेस्ट को लेकर विवादों में रह चुके हैं. पृथ्वी शॉ ने बताया है कि महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर ने मुश्किल वक्त में उनका साथ दिया और उन्हें वापसी करने के लिए गाइड किया.


बीस साल के शॉ ने टेस्ट करियर का शानदार आगाज करते हुए डेब्यू मैच में शतक ठोका था. वह ऐसा करने वाले दूसरे सबसे युवा बल्लेबाज बने थे. टखने की चोट और डोप परीक्षण में नाकाम रहने के बाद उन्हें 16 महीने तक खेल के मैदान से दूर रहना पड़ा.


ऐसे में तेंदुलकर ने साव से बातचीत कर उनके करियर को सही दिशा में ले जाने में मदद की. तेंदुलकर ने कहा, ''हां, यह सच है. पिछले कुछ सालों में पृथ्वी से मेरी कई बार बात हुई है. वह बहुत प्रतिभाशाली खिलाड़ी है और मैं उसकी मदद करके खुश हूं. मैंने उनसे क्रिकेट और इस खेल से बाहर की जिंदगी के बारे में बात की.''


सचिन तेंदुलकर ने आगे कहा, ''मेरा मानना ​​है कि अगर किसी युवा ने मुझसे संपर्क किया है और मार्गदर्शन मांगा है तो कम से कम मेरी ओर से गोपनीयता बरकरार रहना चाहिए. ऐसे में मैं आपको यह नहीं बताना चाहूंगा कि किस मुद्दे पर बातचीत हुई थी.''


शॉ ने हाल ही में खुलासा किया था कि मुश्किल वक्त में सचिन तेंदुलकर ने उनका साथ दिया. तेंदुलकर का कहना है कि ''शॉ अगर बताना चाहता है तो यह उसकी मर्जी है, लेकिन जिन खिलाड़ियों की मैं मदद करता हूं उनके बारे में नहीं बताता.''


सचिन तेंदुलकर से पिछले साल टीम इंडिया के कप्तान विराट कोहली ने भी पहला डे नाइट टेस्ट खेलने से पहले बात की थी. विराट कोहली इस मैच में शतक लगाकर डे नाइट मुकाबलों में यह कारनामा करने वाले पहले भारतीय खिलाड़ी बने.


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