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...जब भाई अजीत के सामने जीतना नहीं चाहते थे सचिन तेंदुलकर, खुद बताया दिलचस्प वाकया
सचिन तेंदुलकर ने कहा, ‘‘मैंने कभी इसके बारे में नहीं बोला, लेकिन पहली बार बोल रहा हूं. कई साल पहले, मुझे याद भी नहीं है कि मैं अंतरराष्ट्रीय या रणजी क्रिकेट खेलता था या नहीं लेकिन मैं अच्छा खेलता था.’’
सचिन तेंदुलकर के कैरियर में उनके भाई अजीत का योगदान किसी से छिपा नहीं है और तेंदुलकर ने बताया कि जब दोनों भाई एक दूसरे के आमने सामने थे और कोई जीतना नहीं चाहता था. तेंदुलकर बांद्रा उपनगर में एमआईजी क्रिकेट क्लब में अपने नाम के पवेलियन के उद्घाटन के मौके पर बोल रहे थे.
उन्होंने कहा, ‘‘मैंने कभी इसके बारे में नहीं बोला, लेकिन पहली बार बोल रहा हूं. कई साल पहले, मुझे याद भी नहीं है कि मैं अंतरराष्ट्रीय या रणजी क्रिकेट खेलता था या नहीं लेकिन मैं अच्छा खेलता था.’’
उन्होंने कहा, ‘‘मुझे पता था कि मेरा ग्राफ ऊपर जा रहा है. उस समय एमआईजी में एक विकेट का टूर्नामेंट होता था. मैं एक टूर्नामेंट खेल रहा था, जिसमें अजीत भी खेल रहा था. हम दोनों अलग अलग पूल में थे.’’
उन्होंने कहा, ‘‘सेमीफाइनल में हमारा सामना हुआ और वही एकमात्र मैच हमने एक दूसरे के खिलाफ खेला. बंगाल क्रिकेट क्लब में भी हम एक मैच खेले, लेकिन एक दूसरे के खिलाफ नहीं.’’ यहां देखें, आईपीएल की अंकतालिका में कौन-सी टीम किस पायदान पर है.
तेंदुलकर ने कहा, ‘‘मैं अजीत की भाग भंगिमा से समझ गया था कि वह जीतना नहीं चाहता और मैं भी. हम एक दूसरे को हराना नहीं चाहते थे. मैंने बल्लेबाजी शुरू की और उसने जान बूझकर नो बॉल और वाइड बॉल डालनी शुरू कर दी. मैं जान बूझकर रक्षात्मक खेल रहा था जो एक विकेट क्रिकेट में नहीं होता है.’’
उन्होंने कहा, ‘‘अजीत ने मेरी तरफ देखकर ढंग से बल्लेबाजी का इशारा किया. आपको अपने बड़े भाई की बात माननी पड़ती है. मैं वो मैच नहीं जीता, बल्कि वो हार गया. हम दोनों समान नतीजा चाहते थे, लेकिन मेरी टीम फाइनल में पहुंच गई.’’
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डॉ. राहुल चौधरीप्रसिडेंट, एडमिनिस्ट्रेशन, NDIIT
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