बर्लिन: भारत के पूर्व कप्तान सचिन तेंदुलकर ने लॉरेस स्पोर्टिग मूमेंट अवॉर्ड अपने नाम किया है. भारत ने साल 2011 में 28 साल बाद क्रिकेट विश्व कप जीता था और यह विश्व कप सचिन का आखिरी विश्व कप था. इस जीत के बाद भारतीय खिलाड़ियों ने क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले सचिन को अपने कंधों पर उठा लिया था, इसी पल को बीते 20 साल में लॉरेस स्पोर्टिग मूमेंट यानि लॉरेस सर्वश्रेष्ठ पल का अवॉर्ड मिला है.
सचिन का सपना था कि वह विश्व कप टीम का हिस्सा बनें. 2003 में दक्षिण अफ्रीका में खेले गए विश्व कप के फाइनल में हालांकि उनका यह सपना टूट गया था. रिकी पोंटिंग की कप्तानी वाली आस्ट्रेलिया ने फाइनल में सौरव गांगुली की कप्तानी वाली भारत को मात दी थी. लेकिन भारत ने महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी में 2011 में सचिन के घर मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में खेले गए फाइनल में श्रीलंका को हरा खिताब अपने नाम किया था.
आस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान स्टीव वॉ ने 46 साल के सचिन को यह अवॉर्ड सौंपा. सचिन ने अवॉर्ड मिलने के बाद कहा, "यह अविश्वसनीय है. विश्व कप जीतने की भावना को शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता. कितनी बार ऐसा होता है कि किसी टूर्नामेंट में अलग-अलग तरह के विचार निकल कर सामने आते हैं. बहुत कम होता है कि पूरा देश एक साथ मिलकर जश्न मनाए."
उन्होंने कहा, "यह बताता है कि खेल कितनी बड़ी ताकत है और ये हमारी जिंदगी पर क्या जादू करता है. अभी भी जब मैं उस पल को देखता हूं तो यह मेरे साथ ही रहता है."
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सचिन तेंदुलकर टेस्ट और वनडे में दुनिया के सबसे कामयाब बल्लेबाज हैं. सचिन तेंदुलकर ने साल 2013 में क्रिकेट की अलविदा कह दिया था. सचिन के नाम इंटरनेशनल क्रिकेट में 100 शतक दर्ज हैं और ऐसा करिश्मा करने वाले वह दुनिया के अकेले बल्लेबाज हैं.