नई दिल्ली: भारतीय टीम के पूर्व खिलाड़ी आशीष नेहरा का मानना है कि बॉल टेम्परिंग मामले में दोषी पाए गए ऑस्ट्रेलियाई कप्तान स्टीव स्मिथ और उप-कप्तान डेविड वार्नर पर आजीवन बैन काफी कड़ी सजा हो जाएगी. ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी कैमरन बेनक्रॉफ्ट ने येलो टेप के माध्यम से गेंद से छेड़छाड़ की थी. इस गलती को बाद में स्मिथ और बेनक्रॉफ्ट ने कबूल कर लिया था और स्मिथ ने कहा था कि टीम के 'लीडरशिप ग्रुप' ने बकायदा इसके लिए योजना बनाई थी.


कबूलनामे के बाद स्मिथ और वार्नर को टेस्ट मैच के बाकी बचे दो दिनों के लिए उनके पदों से हटा दिया गया था. क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया (सीए) इस मामले में जांच कर रहा है और अब ऐसी खबरें भी हैं कि बोर्ड इन दोनों पर अजीवन प्रतिबंध लगा सकता है.


कंप्यूटर और लैपटॉप बनाने वाली कंपनी एचपी के रॉयल चैलेंजर्स बेंगलोर टीम के प्रमुख्य प्रायोजक बनने की घोषणा के मौके पर आए नेहरा ने कहा कि स्मिथ ने गलती मान ली है और ऐसे में उन पर आजीवन बैन सहीं नहीं होगा.


नेहरा ने कार्यक्रम के बाद कहा, "मेरे हिसाब से आजीवन बैन काफी कड़ी सजा होगी, सिर्फ इन दोनों के लिए ही नहीं, किसी के लिए भी. आपने गलती की और मान ली, तो फिर इसके बाद आजीवन बैन ज्यादा कड़ी सजा होगी. आईसीसी को इन्हें अंतिम चेतावनी जरूर देनी चाहिए क्योंकि अगर आप किसी चीज को बार-बार करेंगे तो वह आदत बन जाएगी. ऐसा नहीं होना चाहिए. लेकिन, अभी जो उन्होंने कप्तानी छोड़ी और उन पर प्रतिबंध लगा है यह ठीक है. मेरी निजी राय में इससे ज्यादा कुछ और सजा सही नहीं होगी."


इस घटना ने ऑस्ट्रेलियाई टीम की पूरे क्रिकेट जगत में किरकिरी करा दी है. नेहरा ने कहा कि स्मिथ ने अपनी गलती मान ली है, ऐसा कर उन्होंने सही कदम उठाया है और इस बात को ध्यान में रखना चाहिए.


उन्होंने कहा, "सभी की अपनी अलग-अलग राय है. मेरा मानना है कि अगर उन्होंने कुछ गलत किया है तो आईसीसी है, जिसने उन पर कार्रवाई कर दी है. उन्होंने गलती है, लेकिन मैं स्मिथ को इस बात का श्रेय दूंगा कि उन्होंने अपनी गलती को मान लिया. ऐसा नहीं है कि यह पहली बार हुआ है. जो चीज हो गई है वो हो गई है, बहुत बार पहले भी ऐसा हुआ है."


नेहरा का यह भी मानना है कि इस विवाद के बाद आईपीएल में स्मिथ और वार्नर के खेलने पर कोई फर्क नहीं पड़ना चाहिए.


पूर्व तेज गेंदबाज ने कहा, "स्मिथ और वार्नर ऑस्ट्रेलिया के लिए जिस तरह के खिलाड़ी रहे हैं, अगर कोई आईपीएल टीम उनको हटाती है तो यह अच्छा नहीं होगा. मेरा मानना है कि जो हो गया सो हो गया अब आगे बढ़ना चाहिए. उनको कप्तान बनाना या न बनाना यह उनकी फ्रेंचाइजी पर निर्भर करता है, लेकिन मैं नहीं समझता कि उन्हें टीम से बाहर करना चाहिए."


उन्होंने कहा, "उन्होंने गलती की है तो उन्होंने कप्तानी और उप-कप्तानी छोड़ दी. मुझे नहीं लगता कि आईपीएल पर इस विवाद से फर्क पड़ेगा. अगर वो कप्तान के तौर पर नहीं भी खेलते हैं तब भी वह अपनी टीमों को बड़ा फायदा पहुंचाएंगे."


नेहरा का हालांकि मानना है कि किसी भी टीम को सीमाओं में रहकर और नियमों के दायरे में रहकर क्रिकेट खेलनी चाहिए और आईसीसी के नियमों का पालन करना चाहिए.


उन्होंने कहा, "ऑस्ट्रेलियाई हमेशा से हार्ड क्रिकेट खेलना चाहते हैं, लेकिन सीमा से आगे चले जाने यह अच्छी बात नहीं है. अगर आप आईसीसी की सीमाओं में रहकर कुछ करते हैं, तो चाहे वो स्लेजिंग क्यों न हो, तो चलता है. अगर आप दायरे में रहकर कर रहे हैं तो कोई परेशानी नहीं है, लेकिन सीमाओं को नहीं लांघना चाहिए."