भारत के सहायक कोच संजय बांगर ने दिग्गज क्रिकेटर राहुल द्रविड़ का उदाहरण देते हुए बुधवार को यहां कहा कि शिखर धवन की गैरमौजूदगी में अगर लोकेश राहुल पारी की शुरूआत करे तो यह टीम को जरूरी बैलेंस जैसा साबित होगा.


सौरव गांगुली की कप्तानी में राहुल द्रविड़ की प्रतिभा ने टीम को संतुलित करने में मदद की थी. वह विकेटकीपर की भूमिका के साथ-साथ किसी भी क्रम पर बल्लेबाजी कर सकते थे और बांगर को मौजूदा टीम में राहुल से यही उम्मीद है.


राहुल विश्व कप में चौथे स्थान बल्लेबाजी के दावेदार थे और उन्होंने गेंदबाजों की मददगार परिस्थिति में उस क्रम पर दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ अच्छा प्रदर्शन भी किया था.


बांगर से जब राहुल के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, कई मौकों पर खेलने का फायदा यह होता है कि आप खेल को बेहतर तरीके से समझते है. अगर आप मध्यक्रम में बल्लेबाजी करते है और पारी की शुरूआत करने के लिए भेजा जाता है तो आपको पता होता है कि यह कितना चुनौतीपूर्ण है. यहां आपको दो नयी गेंद का समाना करना होगा लेकिन बड़े शाट खेलने के मौके भी अधिक होंगे.


उन्होंने कहा, अगर आप खेल के इतिहास को देखेंगे तो ऐसे प्रतिभा वाले कई खिलाड़ी रहे है और यहां आप (राहुल) अपने नाम से मिलते जुलते नाम वाले खिलाड़ी राहुल द्रविड से प्रेरणा ले सकते है. इससे टीम को काफी मदद मिलती है.


कोच को भरोसा है कि मध्यक्रम में बल्लेबाजी करते समय राहुल के सामने आने वाली चुनौतियां उन्हें दो नई गेंदों का सामना करने में मदद करेंगी. बांगर ने कहा, अगर आप शीर्ष क्रम के बल्लेबाज हैं और आप मध्यक्रम में बल्लेबाजी करने उतरते हैं, तो आपको मध्यक्रम में आने वाली चुनौतियों का पता चल जाएगा.


अगर राहुल मानसिक दृढ़ता दिखा सकते हैं और खुद को परिस्थितियों के मुताबिक ढाल सकते हैं तो इससे दोहरा फायदा होगा. खिलाड़ी की साख बढ़ेगी और टीम को भी फायदा होगा.


उन्होंने कहा, ‘‘यह मानसिक तौर पर परिस्थितियों से तालमेल बैठाने के बारे में है और ऐसा करने के लिए काबिलियत चाहिए. इससे खिलाड़ी और टीम दोनों को फायदा होगा.