Sanju Samson Stats: भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच पांच मैचों की टी20 सीरीज का दूसरा मुकाबला तिरुवनंतपुरम में खेला जाना है. यहां के ग्रीनफील्ड इंटरनेशनल स्टेडियम में टीम इंडिया की तैयारियां शुरू हो चुकी हैं. टीम इंडिया की होटल और स्टेडियम के बाहर कुछ क्रिकेट फैंस नजर आ रहे हैं और इनमें से कुछ ऐसे हैं जो संजू सैमसन की जर्सी पहनकर मंडरा रहे हैं.


दरअसल, संजू सैमसन तिरुवनंतपुरम से ही हैं. दिल्ली में क्रिकेट का शुरुआती पाठ पढ़ने के बाद वह तिरुवनंतपुरम में आकर क्रिकेट खेलने लगे थे. यहीं से उन्होंने आईपीएल में एंट्री की और फिर भारतीय टीम के लिए भी डेब्यू किया. हालांकि अब जब तिरुवनंतपुरम में मुकाबला खेला जाना है तो संजू मैदान में नहीं होंगे. ऐसा इसलिए क्योंकि टीम इंडिया के लिए वह जगह बनाने में एक बार फिर नाकाम रहे हैं.


11 नवंबर को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पांच मैचों की टी20 सीरीज के लिए टीम इंडिया का ऐलान हुआ था. इस ऐलान से पहले ऐसे कयास लगाए जा रहे थे कि इस बार संजू सैमसन की टीम इंडिया में वापसी हो जाएगी. ऐसे कयास इसलिए लग रहे थे क्योंकि टीम इंडिया की वर्ल्ड कप स्क्वाड के ज्यादातर खिलाड़ियों को आराम देने का फैसला पहले ही कर लिया गया था. हालांकि जब भारतीय टीम का ऐलान हुआ तो एक बार फिर संजू सैमसन के हाथ खाली ही रह गए. उन्हें टीम इंडिया में मौका नहीं मिल सका.


2015 में डेब्यू लेकिन अब तक महज 37 इंटरनेशनल मैच
संजू सैमसन ने जब राजस्थान रॉयल्स के लिए खेलते हुए आईपीएल में धूम मचाई थी तो उन्हें जल्द ही भारतीय टीम से कॉल आया. साल 2015 में ही उन्हें डेब्यू का चांस मिला. हालांकि इन 8 सालों में उन्हें महज 13 वनडे और 24 टी20 इंटरनेशनल खेलने का ही मौका मिला. यह वाकई हैरान करने वाली बात रही. संजू के बार-बार टीम से बाहर होने को लेकर क्रिकेट फैंस भी सोशल मीडिया पर गुस्सा जाहिर करते रहे हैं. अब वाकई सवाल यह उठता है कि आखिर भारतीय मैनजमेंट संजू सैमसन पर भरोसा क्यों नहीं करता.


टीम प्रबंधन को संजू पर भरोसा क्यों नहीं?
इसका सीधा और आसान सा जवाब है. दरअसल, IPL में दमदार प्रदर्शन के बाद टीम इंडिया ने संजू को कई मौके दिए. सबसे पहले 2015 में उन्हें टी20 इंटरनेशनल में डेब्यू का मौका मिला. इसके बाद वह भारत की टी20 टीम से अंदर-बाहर इसलिए होते रहे क्योंकि उनके परफॉर्मेंस में निरंतरता नहीं रही. वह तेजी से रन तो जुटाते लेकिन बड़ी पारी नहीं खेल पाते. अपने टी20 करियर में उऩ्होंने महज एक अर्धशतकीय पारी खेली. उनका बल्लेबाजी औसत 20 से भी कम ही रहा. ऐसे में चयनकर्ताओं के पास उनके सेलेक्शन के लिए कोई आधार ही नहीं बनता था.ऋषभ पंत और ईशान किशन जैसे विकेटकीपर बल्लेबाजों का प्रदर्शन टी20 में संजू से थोड़ा बेहतर है. यही कारण है कि संजू की जगह पंत और ईशान को टीम में जगह मिलती रही. 


वनडे में उठते हैं वाजिब सवाल
संजू सैमसन टी20 क्रिकेट में फ्लॉप रहे. अब क्योंकि क्रिकेट के सबसे छोटे फॉर्मेट में ही उनका बल्ला नहीं चल पा रहा था तो उन्हें लंबे वक्त तक वनडे डेब्यू का मौका नहीं मिला. दो साल पहले टीम इंडिया जब श्रीलंका दौरे पर गई तब उन्हें वनडे खेलने का मौका मिला. संजू सैमसन ने टी20 के मुकाबले वनडे में बेहतर खेल दिखाया. 13 वनडे मुकाबलों में उनका बल्लेबाजी औसत 55.71 है. यहां उनका स्ट्राइक रेट भी 104 है. वह वनडे क्रिकेट में तीन अर्धशतक भी जमा चुके हैं. हालांकि इसके बावजूद वनडे में भी उनका दावा कमजोर ही रहा. वनडे में उनका चयन न होना सवालों के घेरे में आ सकता है क्योंकि ईशान किशन से लेकर ऋषभ पंत तक, सभी विकेटकीपर बल्लेबाज वनडे बैटिंग एवरेज के मामले में संजू से बहुत पीछे हैं.


कब नियमति जगह बना पाएंगे संजू?
यह तभी संभव हो पाएगा, जब संजू अगली बार मौका मिलने पर कोई बड़ी पारी खेले. इसके बाद उन्हें नियमित तौर पर कुछ अच्छी पारियां खेलनी होगी. अगर वह शतक जमा देते हैं तो भी बात बन सकती है. कुल मिलाकर अगर संजू को नियमित तौर पर टीम इंडिया का हिस्सा बनना है तो उन्हें अपने प्रदर्शन में भी नियमितता लानी होगी. उन्हें बेवजह के शॉट खेलकर विकेट गंवान बंद करना होगा.


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