क्रिकेट को अनिश्चितताओं का खेल कहा जाता है. इस खेल में कभी एक ही ओवर में छह छक्के लग जाते हैं, तो वहीं दूसरी तरफ कभी एक ओवर में एक भी रन नहीं बनता. कभी एक बल्लेबाज़ लगातार दो मैचों में दो शतक जड़ देता है, तो वो अगले ही मैच में शून्य पर भी आउट हो जाता है.
गेंदबाज़ों के साथ भी कुछ इस तरह की चीज़ें हो जाती है. इस वजह से क्रिकेट के खेल में आप सिर्फ और सिर्फ कयास ही लगा सकते हैं. इसी तरह से इस खेल में लगने वाली चोटों के बारे में भी कुछ नहीं कहा जा सकता. सभी खेलों की तरह चोट लगना भी इस खेल का अभिन्न हिस्सा है और कभी-कभी तो ये चोट खिलाड़ियों का करियर तक खराब कर देती है. चलिए आज हम आपको उन खिलाड़ियों के बारे में बताते हैं, जो मैदान पर चोटिल हुए और उस चोट ने उन खिलाड़ियों को ऐसा दर्द दिया कि उन्हें अपने चहेते खेल से दूर ही होना पड़ा.
सबा करीम
भारत के विकेटकीपर बल्लेबाज़ सबा करीम का करियर भी चोट के चलते ही समाप्त हुआ था. वो एक अच्छे विकेटकीपर थे, उनके पास लंबे वक़्त तक टीम इंडिया के लिए खेलने की क़ाबिलियत थी, लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंजूर था. कुंबले की एक गेंद सबा करीम की आंख में लगी और सबा के करियर का अंत हो गया. सबा करीम ने विकेटकीपर के तौर पर भारत के लिए 1 टेस्ट और 34 वनडे मैच खेले. वो भारत के लिए और ज़्यादा मैच खेल सकते थे, लेकिन साल 2000 में विकेटकीपिंग करते वक़्त चोट का शिकार हो गए.
मार्क बाउचर
सबा करीम की तरह ही मार्क बाउचर भी दक्षिण अफ्रीकी टीम के विकेटकीपर बल्लेबाज़ थे और उनका करियर भी चोट के चलते ही खत्म हुआ. 9 जुलाई 2012 को बाउचर की बाईं आंख में बेल (गिल्ली) से ज़बरदस्त चोट लगी थी, उन्होंने न तो हेल्मेट पहना था और न ही कोई चश्मा.
इमरान ताहिर समरसेट टीम के जेमाल हुसैन के ख़िलाफ़ गेंदबाज़ी कर रहे थे तभी गिल्ली उड़कर बाउचर की बाईं आंख पर लग गई. इसके बाद बाउचर को आंख की सर्जरी के लिए भेजा गया और वो पूरे टूर से बाहर हो गए. चोट काफ़ी गहरी थी, ऐसे में बाउचर ने 10 जुलाई को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास ले लिया.
नाथन ब्रैकेन
नाथन ब्रैकेन ऑस्ट्रेलिया के लेफ्ट आर्म गेंदबाज़ थे. जिन्होंने कंगारू टीम के लिए 5 टेस्ट, 116 वनडे और 19 टी-20 अंतरराष्ट्रीय मैच खेले. तीनों फ़ॉर्मेट में मिलाकर उन्होंने 300 के क़रीब विकेट हासिल किए. एक बार उन्होंने आईसीसी रैंकिंग में टॉप स्थान हासिल किया था. साल 2009 में वो ‘ऑस्ट्रेलियन वनडे प्लेयर ऑफ़ द ईयर’ चुने गए थे.
इस दमदार तेज़ गेंदबाज़ को घुटनों की चोट की वजह से 31 साल की उम्र में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लेना पड़ा था. ब्रैकेन के मुताबिक उनकी चोट को क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया ने गंभीरता से नहीं लिया था जिसकी वजह से एक तेज़ गेंदबाज़ के करियर का अंत हो गया. वो चोट का शिकार न हुए होते तो ऑस्ट्रेलिया के लिए और ज़्यादा योगदान दे पाते.
फिल ह्यूज
नाथन ब्रैकेन को तो सिर्फ संन्यास लेना पड़ा था, लेकिन एक ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी को तो ऐसी भयंकर चोट लगी थी जिसकी वजह से उन्हें अपनी जान तक गंवानी पड़ी. ये खिलाड़ी कोई और नहीं फिल ह्यूज थे. 25 नवंबर 2014 को सिडनी के मैदान में साउथ ऑस्ट्रेलिया और न्यू साउथ वेल्स के बीच शेफ़ील्ड शील्ड टूर्नामेंट का मैच चल रहा था. ह्यूज़ उस वक़्त 63 रन पर बल्लेबाज़ी कर रहे थे, तभी न्यू साउथ वेल्स के सीन एबॉट ने बाउंसर फेंका, ह्यूज़ ने गेंद को हुक करने की कोशिश की, लेकिन गेंद हेलमेट के नीचे गर्दन के पास लगी.
एबॉट की गेंद कान के ठीक नीचे लगी. ह्यूज को उसी वक्त सेंट विसेंट अस्पताल ले जाया गया. जहां उनकी सर्ज़री की गई और वो कोमा में चले गए. ह्यूज़ की चोट एक दुर्लभ और दुखद घटना थी, 27 नवंबर 2014 को डॉक्टर्स ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. इसके साथ ही क्रिकेट के उभरते हुए सितारे ने इस दुनिया को अलविदा कह दिया.
क्रेग कीस्वेटर
क्रेग कीस्वेटर इंग्लैंड के खिलाड़ी थे जो अपनी टीम के लिए वनडे और टी-20 में ओपनिंग बल्लेबाज़ी किया करते थे. उन्होंने इंग्लैंड की तरफ़ से 46 वनडे और 25 टी-20 अंतरराष्ट्रीय मैच खेले. वो एक उभरते हुए सितारे थे. समरसेट टीम की तरफ़ से खेलते हुए वो डेविड विली की गेंद पर चोट का शिकार हो गए थे. विली की गेंद क्रेग की दाएं आंख पर लगी और उनकी आंखों की रोशनी 80 से 85 फ़ीसदी चली गई, ऐसे में उनका रात की रोशनी में खेलना नामुमकिन हो गया.
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